याचिका में कहा गया था कि उक्त तहखाने में मूर्तिपूजा की जाती थी। अदालत ने माना कि दिसंबर 1993 में पुजारी सोमनाथ व्यास को तहखाने में घुसने से रोक दिया गया था।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ छात्र-छात्राएँ बैठ कर ताली बजा रहे होते हैं, वहीं एक छात्र और छात्रा बॉलीवुड के गानों पर डांस कर के रील्स बना रहे होते हैं।