पंजाब में उग्रवाद तब भी अपने चरम पर रहा। वहाँ जून 1987 में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करनी पड़ी जो फरवरी 1992 तक रहा। 1990 के दशक में सिख आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों और नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
RA&W और सेना के पूर्व अधिकारी कह चुके हैं कि कॉन्ग्रेस ने पंजाब में खिसकती जमीन वापस पाने के लिए भिंडराँवाले को पैदा किया। अब वही फॉर्मूला पार्टी अमृतपाल सिंह के साथ आजमा रही। कॉन्ग्रेस के बड़े नेता जरनैल सिंह के सामने फर्श पर बैठते थे। संजय गाँधी ने उसे 'संत' बनाया था।
रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री देशद्रोही की तरह व्यवहार कर रहा है, देश को गुमराह कर रहा है। गिरिराज सिंह बोले - ये देश की संप्रभुता पर हमला।
आर्य ने कहा है कि हमारे कनाडाई चार्टर ऑफ राइट्स में दी गई स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल करते हुए खालिस्तानी कनाडा की धरती में जहर बोते हुए इसे गंदा कर रहे हैं।