अमरजोत पर आरोप है कि उसने न केवल खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन किया था बल्कि उच्चायोग के परिसर में खालिस्तान का झंडा भी लगाया था। अमरजोत, अमृतसर के गाँव बुताला का रहने वाला है।
पंजाब में उग्रवाद तब भी अपने चरम पर रहा। वहाँ जून 1987 में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करनी पड़ी जो फरवरी 1992 तक रहा। 1990 के दशक में सिख आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों और नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया।