फॉरेंसिक मेडिसिन पाठ्यक्रम में समलैंगिकता को अप्राकृतिक यौन अपराध बताने के अलावा हाइमन का महत्व, वर्जीनिटी की परिभाषा और इसके मेडिकल-कानूनी पहलुओं को शामिल किया गया था।
नए पाठ्यक्रम में यौन विकृतियों, फेटिशिज़्म, ट्रांसवेस्टिज़्म, वॉयरिज़्म, सैडीज़्म, नेक्रोफेजिया, मसोकिज़्म, एक्सीबिशनिज़्म, फ्रोटेयरिज़्म, और नेक्रोफिलिया पर भी चर्चा की जाएगी।
उनका (डॉ RV अशोकन का) सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम करने का कभी कोई इरादा नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी, उसमें आईएमए भी एक पक्षकार था।