प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से माँग की है कि वो बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा और फिर से लोकतंत्र की बहाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाए।
बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों में सिराजगंज में 18 की मौत, नरसिंगडी में 6, फेनी में 5, रंगपुर में 4, ढाका, मगुरा, पबना, किशोरगंज और बोगुरा में 3-3, मुंशीगंज और सिलहट में 2-2, बरिशाल, सावर और कुमिला में एक-एक लोगों की मौत हो गई है।
बांग्लादेश में जो आरक्षण विरोधी हिंसा और प्रदर्शन हुए थे, वो सिर्फ छात्रों का गुस्सा नहीं, बल्कि उनके गुस्से को इस्तेमाल करने वाले इस्लामिक आतंकवादी थे।
दिल्ली में तीन छात्रों की मौत को लेकर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है और भारी संख्या में छात्र करोल बाग मेट्रो स्टेशन पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाए।
अधिकतर भारतीय और विदेशी छात्र उत्तर पूर्वी राज्यों खासकर मेघालय के रास्ते भारत में पहुँच रहे हैं। वहीं, बहुत सारे छात्रों के पश्चिम बंगाल के रास्ते भी भारत में एंट्री का विकल्प चुना है।