Saturday, May 17, 2025
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‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

अपने आमंत्रण पत्र में साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को ‘महत्वपूर्ण माइथॉलॉजिस्ट’ बताया था और उसके विवादास्पद बयानों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया था।

केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करने वाली साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है। हालाँकि विरोध के बाद इस कार्यक्रम को फिलहाल के लिए कैंसिल कर दिया गया। साहित्य अकादमी ने कहा है कि इस कार्यक्रम के आयोजन के बारे में सूचना आगे दी जाएगी।

अपने आमंत्रण पत्र में साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को ‘महत्वपूर्ण माइथॉलॉजिस्ट’ बताया, और उसके विवादास्पद बयानों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया।

हालाँकि देवदत्त को मेहमान बनाए जाने का सोशल मीडिया पर तीखा विरोध हुआ। इस मामले में साहित्य अकादमी के सेमिनार को स्थगित करने के निर्णय पर शेफाली वैद्य ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने देवदत्त को मेहमान बनाए जाने का खुलकर विरोध किया था।

बता दें कि हिंदू ग्रंथों में छेड़छाड़ के अलावा भी पटनायक ट्विटर (अब एक्स) पर महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा से जुड़ी टिप्पणियाँ करता रहा है, ताकि वो अपने विरोधियों की आवाज को दबाकर उन बहसों में खुद को जीता साबित कर सके।

पटनायक “मैं तेरी माँ से पूछ लूँगा”, “वो कुत्ती बेशर्म है… BDSM, बिच स्लट” जैसी गाली-गलौज करते हुए महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करता रहा है।

देवदत्त पटनायक के ट्वीट का स्क्रीनशॉट
देवदत्त पटनायक के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

देवदत्त पटनायक कई बार हिंदू प्रथाओं का मजाक उड़ाता रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी अपमान कर चुका है।

देवदत्त पटनायक के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

देवदत्त पटनायक का अतीत एंटी-हिंदू ट्वीट्स करने का रहा है। वो उन लोगों का मजाक उड़ाता रहा है, जो उसके हिंदू विरोधी वामपंथी विचारधारा के खिलाफ बोलते हैं।

स्वघोषित माइथॉलॉजिस्ट को अक्सर सनातन धर्म के इतिहास पर अजीबोगरीब टिप्पणियाँ करने के कारण विवादों में फंसते देखा गया है।

जुलाई 2020 में उसने नेपाल के प्रधानमंत्री का दावा दोहराया कि भगवान राम नेपाल से थे और भारत को ‘बंदरों की जमीन’ कहा, साथ ही भगवान हनुमान का भी मजाक उड़ाया था।

वो अक्सर सोशल मीडिया पर उन लोगों के खिलाफ गंदे शब्दों का इस्तेमाल करता है, जो उसके विचारों से असहमत होते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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