पीछे स्क्रीन काली है। आगे मुनव्वर हैं। बकल टिकैत और आंदोलनजीवी यादव भी। सूत्रधार बने हैं, मैग्सेसे कुमार। सब के सब छलनी। जख्मों से नहीं। पेगासस (Pegasus) से।
राकेश टिकैत ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द करे अन्यथा इस बार संघर्ष और भी बड़ा होगा। साथ ही कहा कि किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के साथ संसद का रास्ता भी जानते हैं।
BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार मानने वाली नहीं है, इसीलिए 'इलाज' करना पड़ेगा। टिकैत ने किसानों को अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ तैयार रहने की भी सलाह दी।