हिंडेनबर्ग ने ऐसा साबित करने की कोशिश की है जैसे उक्त कंपनी धवल और माधवी की ही हो जबकि उनका शेयर मात्र डेढ़ प्रतिशत का था। कौन सा नशा लेकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है? 2015 में जब का ये मामला है, तब माधवी पुरी SEBI में थीं ही नहीं।
सेबी ने पिछले 2 वर्षों में 300 सर्कुलर जारी किए हैं, ताकि कारोबार करना आसान होता जाए। बोर्ड के सभी सदस्य हितधारकों से राय-विचार के बाद ही फैसले लेते हैं।