महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत 20 फरवरी से होनी है। ट्रेन की एक सीट भगवान महाकाल के लिए आरक्षित है, जिस पर शिव मंदिर बनाया गया है। ट्रेन के बी5 कोच की सीट नंबर 64 पर इस मंदिर को स्थापित किया गया है।
यह जो रंगभरी एकादशी है, इसमें भी रंग क्या है? जिसके द्वारा जगत रंगों से सराबोर हो उठता है- 'उड़त गुलाल लाल भये अम्बर' अर्थात् गुलाल के उड़ने से आकाश लाल हो गया। आकाश इस सारे भौतिक प्रपंच का उपलक्षण है और काशी भौतिकता से आध्यात्म की यात्रा का महामार्ग।