अकबर 'महान' के कथित सेक्युलर चरित्र का गुणगान करते हुए वामपंथी इतिहासकारों ने उसके नेगेटिव पक्ष को दबाया। अकबर कितना बड़ा व्याभिचारी था इसके प्रमाण गुरु गोविंद सिंह रचित सिख ग्रन्थ 'चरित्रोपाख्यान' में मौजूद हैं। जूतों से पिटाई के बाद अकबर ने पराई स्त्रियों के घर में घुसना बंद किया था।