उन्होंने भारत को विभिन्न धर्मों, जातियों और उप-जातियों का देश बताते हुए लिखा कि शताब्दियों से जैविक पुरुष एवं जैविक महिला के बीच विवाह की मान्यता रही है।
लोकेश मुनि ने कहा है वे बलिदान स्वीकार कर सकते हैं। लेकिन अपनी धर्म और संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। यही कारण है कि उन्होंने मौलाना मदनी के बयान का विरोध किया था।