चारो आरोपितों की पहचान मुश्ताक अहमद, उसके भाई सिराज अहमद, अनीश और इश्तिहार के रूप में हुई है जिन्होंने राहुल को एक पेड़ से बाँधकर डंडों और लोहे के छड़ों से उसे बेहरहमी से मारा। जिससे उसकी मौत हो गई।
पेट्रोल बम, एके-47, मानव बम और अत्याधुनिक हथियारों के बरअक्स एक स्वयंसेवक की लाठी यकीनन नाकाफी है, भले उसके मन में पहाड़ों सा साहस है लेकिन व्यवहारवाद यही कहता है कि बंदूक के आगे लाठी काम नहीं आती।
पिछले दिनों बहरीन में गणेश मूर्तियों को तोड़ती एक बुर्का वाली महिला का वीडियो वायरल हुआ था। इन मूर्तियों को दिव्य पांडे ने अपने घर में स्थापित करने के बाद विसर्जित किया है।