शनिवार (जनवरी 2, 2021) को पेटलिंग जाया शहर में इस्लामी कट्टरपंथियों के विरोध के बावजूद ‘मिस प्लस वर्ल्ड मलेशिया 2020 (MPWM 2020)’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें मेलीसा मोहन टिंडल को विजेता घोषित किया गया। अब वो अमेरिका के टेक्सस में होने वाले ‘मिस प्लस वर्ल्ड पेजेंट’ में मलेशिया का प्रतिनिधित्व करेंगी। कट्टरपंथी संगठनों और यहाँ तक कि मलेशिया की सरकार ने भी प्लस साइज महिलाओं के कार्यक्रम में आने को इस्लाम के खिलाफ बताया था।
कार्यक्रम के दौरान दो अन्य विजेताओं की भी घोषणा की गई, जिसमें एक मुस्लिम महिला भी हैं। शक्ति छाबड़ा को ‘मिस प्लस इंटरनेशनल मलेशिया 2020’ का टाइटल दिया गया। जस्टीना मोहम्मद जूनूस को ‘मिस प्लस वर्ल्ड इंटरनेशनल एम्बेसडर’ का ख़िताब दिया गया। जस्टीना ने इस बात पर ख़ुशी जताई कि उनके चैरिटेबल कार्यों को पहचान मिली है। उन्होंने कार्यक्रम के विरोध को नकारात्मक ग़लतफ़हमी करार दिया।
उन्होंने बताया कि उस रात महिलाओं ने लम्बे गाउन्स के साथ-साथ इनर कपड़े भी पहन रखे थे, इसीलिए ये मुद्दा नहीं है। उन्होंने बताया कि वो हिजाब भी पहनती हैं। उन्होंने कहा कि पेजेंट का उद्देश्य लुक्स की जगह बहनचारे के बंधन की भावना को बढ़ावा देना है। इससे पहले ‘ययासह डकवाह इस्लामिया मलेशिया’ ने इस शो को कैंसल करने की माँग की थी। संगठन के अध्यक्ष नसरुद्दीन हसन ने प्रशासन को पत्र लिख कर इसे रोकने की माँग की थी।
‘PAS मुस्लिमात विंग’ ने भी इस कार्यक्रम का विरोध किया था और और इसे इस्लाम व मलेशिया के नैतिक सिद्धांतों के विपरीत बताया था। हालाँकि, आयोजकों का कहना है कि शरीर को लेकर जिन महिलाओं को बॉडी शेमिंग और कटाक्षों का सामना करना पड़ता है, उन्हें हौंसला देने के लिए इसका आयोजन हुआ था। साथ ही आयोजकों ने ये भी जानकारी दी कि प्रतिभागियों ने स्विम शूट नहीं पहना था, जो इस्लाम के अनुरूप है।
I see this as a victory for common sense & a potentially defining moment for #Malaysia as it tries to shake off the shackles of religious ignorance. Congrats to the organisers & the winners
— Marcus Osborne (@brandconsultant) January 3, 2021
Plus-size pageant crowns winners despite PAS’ objections https://t.co/FIeNoBuYal
वहीं मजहबी मामलों के उप-मंत्री अहमद मार्जक शारी ने कहा था कि ऐसे कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है। इस्लामी संगठनों ने इस कार्यक्रम को ‘भोगवादी’ करार दिया था, जिससे सरकार चिंतित थी। उन्होंने इसे महिलाओं का शोषण करार दिया था। वहीं उप-मंत्री ने कोरोना का भी बहाना बनाया और कार्यक्रम को टालने की कोशिश की। वहीं एक राजनेता तो यहाँ तक कहा कि इस्लाम क्या, किसी भी मजहब में इस तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं है।
आयोजकों ने इसके उलट कहा, “हम नहीं चाहते कि मुस्लिम महिलाएँ अयोग्य महसूस करें, या संकोची बने रहें। हम इस कार्यक्रम का नाम बदल सकते हैं, इसमें हमें कोई समस्या नहीं है। हमने किसी कंटेस्टेंट को डिस्क्वालिफाई नहीं किया है। इस्लामी फतवा में कहा गया कि बिना शरीर कवर किए इस कार्यक्रम में प्लस साइज महिलाओं का आना हराम है। ये बिकनी शो नहीं है, न ही हमने किसी को हिजाब हटाने के लिए मजबूर किया।”
मलेशिया में हाल के दिनों में इस्लामी कट्टरपंथी गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं। ज़ाकिर नाइक ने भी भारत से भाग कर वहीं शरण ले रखी है। हाल ही में भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए मलेशिया से 2 लाख डॉलर (1.47 करोड़ रुपए) की फंडिंग की गई थी। भारत में आतंकी हमले के लिए हुए इस लेनदेन के तार जाकिर नाइक सहित कई आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए पाए गए थे। इस आतंकी समूह ने मलेशिया में एक महिला को भी कड़ा प्रशिक्षण दिया है।