Sunday, December 22, 2024
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सोमनाथ ट्रस्ट के फिर अध्यक्ष बनें पीएम मोदी, मंदिर और आसपास के क्षेत्रों का 5 साल तक संभालेंगे जिम्मा: श्रद्धालु वहीं से कर सकेंगे अयोध्या के रामलला मंदिर में दर्शन

सोमनाथ ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति पाँच साल के लिए की जाती है। ट्रस्ट के पास कई महत्वपूर्ण विकास योजनाएँ हैं, जिनमें से एक राम मंदिर का लाइव दर्शन कराना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सोमनाथ ट्रस्ट को उम्मीद है कि वह मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थस्थल बना सकेगा। सोमनाथ ट्रस्ट का उद्देश्य सोमनाथ मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थस्थल बनाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात स्थित प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर से संबंधित सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर फिर से पाँच साल के लिए चुना गया है। यह ट्रस्ट गुजरात के सोमनाथ मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए जिम्मेदार है। गाँधीनगर में सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। इस बैठक में ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मंदिर क्षेत्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री मोदी के फिर से चुने जाने से मंदिर के विकास को और गति मिलने की उम्मीद है। ट्रस्ट के पास कई महत्वपूर्ण विकास योजनाएँ हैं, जिनमें से एक राम मंदिर का लाइव दर्शन कराना है। इस सुविधा के शुरू होने से सोमनाथ पहुँचने वाले भक्तों को अयोध्या गए बिना भी भगवान राम के लाइव दर्शन हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त सोमनाथ ट्रस्ट एक नए गेस्ट हाउस, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और एक पार्किंग का भी निर्माण करा रहा है।

बता दें कि सोमनाथ ट्रस्ट एक गैर-सरकारी संगठन है, जो गुजरात के सोमनाथ मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए जिम्मेदार है। इस ट्रस्ट की स्थापना 1951 में हुई थी। ट्रस्ट के 8 सदस्य होते हैं, जिनमें से चार सदस्य गुजरात सरकार द्वारा नामित होते हैं और चार सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नामित होते हैं। इस समय सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में लिया हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक के बारे में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “गाँधीनगर में श्री सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक की अध्यक्षता की। हमने ट्रस्ट के कामकाज से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। समीक्षा की गई कि हम मंदिर परिसर के लिए नवीनतम तकनीक का लाभ कैसे उठा सकते हैं, ताकि तीर्थयात्रा का अनुभव और भी अधिक यादगार हो। ट्रस्ट की ओर से इको फ्रेंडली तरीके से किए जा रहे कार्यों का भी जायजा लिया।”

सोमनाथ ट्रस्ट के सदस्यों की नियुक्ति पाँच साल के लिए की जाती है। ट्रस्ट के पास कई महत्वपूर्ण विकास योजनाएँ हैं, जिनमें से एक राम मंदिर का लाइव दर्शन कराना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सोमनाथ ट्रस्ट को उम्मीद है कि वह मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थस्थल बना सकेगा। सोमनाथ ट्रस्ट का उद्देश्य सोमनाथ मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थस्थल बनाना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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