Tuesday, September 17, 2024
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‘मत करो हिंदुओं को बाँटने का घिनौना काम’: बिहार के चाचा-भतीजा को स्वामी रामभद्राचार्य ने समझाया, कहा- जो राम-कृष्ण की बात करेगा, वही राज करेगा

स्वामी रामभद्राचार्य रामनगर 31 अक्टूबर से 8 नवंबर 2023 तक रामकथा सुनाएँगे। यहाँ कथा के पहले ही दिन उन्होंने जो राजनीतिक टिप्पणी की है, उससे सियासी माहौल गरमा गया है। चूँकि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना कराई है, इसके शुरुआती आँकड़े भी जारी कर दिए गए हैं।

चित्रकूट स्थित तुलसी धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य बिहार में रामकथा कह रहे हैं। पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर कस्बे में स्थित अर्जुन विक्रम शाह स्टेडियम में इस रामकथा का आयोजन हो रहा है। अपनी कथा के पहले ही दिन स्वामी रामभद्राचार्य ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास करने से ही गद्दी मिलेगी, न कि हिंदुओं को बाँटने से। हिंदू समाज को बाँटने का घिनौना काम बंद होना चाहिए।

हिंदुओं को बाँटने से नहीं मिलेगा वोट

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने रामकथा के दौरान कहा, “नीतीश जी और तेजस्वी बाबू को अब कौन समझाए कि ऐसा घिनौना काम न करें, जिससे हिन्दू बँटे। अब जो असली काम करेगा, वोट उसी को मिलेगा। जातिगत भेदभाव से बढ़ाने से वोट नहीं मिलने वाला है।” उन्होंने आगे कहा, “राम और कृष्ण की जो बात करेगा, भारत पर वही राज करेगा।”

नीतीश कुमार को निशाने पर लिया

अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना का जो दाँव खेला है, वो पूरे देश में बड़ा मुद्दा बन गया। हालाँकि, स्वामी रामभद्राचार्य ने इसे सीधे तौर पर हिंदुओं को बाँटने की चाल कहकर नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है।

रामकथा सुनने हजारों की संख्या में पहुँचे भक्तों के सामने उन्होंने कहा कि कोई ऐसा घिनौना काम नहीं करना चाहिए, जिससे की हिंदू बँटे। उन्होंने कहा, “जो राम और कृष्ण की जो बात करेगा, वही भारत पर राज करेगा।”

8 नवंबर तक चलेगी रामकथा

स्वामी रामभद्राचार्य रामनगर में 9 दिन की रामकथा सुनाने पहुँचे हैं। 31 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई रामकथा 8 नवंबर 2023 तक चलेगी। यहाँ कथा के पहले ही दिन उन्होंने जो राजनीतिक टिप्पणी की है, उससे सियासी माहौल गरमा गया है। चूँकि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना कराई है, इसके शुरुआती आँकड़े भी जारी कर दिए गए हैं।

इस जातिगत जनगणना में सभी जातियों और धर्मों का उल्लेख किया गया है। हालाँकि, इस जातिगणना में कई तरह की खामियाँ हैं, जिनका विपक्षी दल सुधार की माँग कर रहे हैं। बिहार की जातिगत जनजणना के बाद पूरे देश में इसे कराए जाने की माँग राजनीतिक दल कर रहे हैं, जिसमें राहुल गाँधी ने तो बाकायदा ऐलान भी कर दिया है कि कॉन्ग्रेस की सरकार आते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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