आज दीपावली के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से ‘मन की बात’ कर रहे हैं, यह ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 58वाँ एपिसोड है। आज सुबह 11 बजे से इस कार्यक्रम का आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारण हुआ। इस कार्यक्रम के ज़रिए पीएम मोदी ने एक बार फिर अपने विचारों को देश के लोगों के साथ साझा किया। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा साल 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के इस संस्करण में देशवासियों को दीप-पर्व की बधाई देते हुए कहा है कि आजकल दुनिया के अनेक देशों में दिवाली मनाई जाती है। इसमें सिर्फ़ भारतीय समुदाय शामिल होता है, ऐसा नहीं है बल्कि अब कई देशों की सरकारें, वहाँ के नागरिक दिवाली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। एक प्रकार से वहाँ ‘भारत’ खड़ा कर देते हैं।
PM Narendra Modi in #MannKiBaat: India is a country of festivals, there is a lot of scope of festival tourism here. Be it Holi, Diwali, Onam, Pongal or Bihu – we should make an effort to publicise such festivals and include other states, other countries in the celebrations. https://t.co/7kJAxa4WZ2
— ANI (@ANI) October 27, 2019
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि पिछली मन की बात में हमने तय किया था कि इस दीपावली पर कुछ अलग करेंगे। मैंने कहा था आइए, हम सभी इस दीपावली पर भारत की नारी शक्ति और उनकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें, यानी भारत की लक्ष्मी का सम्मान करें।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया भर में फेस्टिवल टूरिज्म का अपना ही आकर्षण है। हमारा भारत जो त्योहारों का देश है, उसमें फेस्टिवल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएँ हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि होली हो, दिवाली हो, ओणम हो, पोंगल हो, बिहु हो इन जैसे त्योहारों का प्रसार करें और त्योहारों की खुशियों में अन्य राज्यों व देशों के लोगों को भी शामिल करें।
पीएम मोदी ने कहा कि गुरु नानक जी ने निस्वार्थ भाव से सेवा की। उनके इस सेवाभाव से कई सारे संत भी प्रभावित हुए। गुरुनानक देव जी ने अपना संदेश दुनिया में दूर-दूर तक पहुँचाया। वे अपने समय में सबसे अधिक यात्रा करने वालों में से थे। गुरुनानक देव जी छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के ख़िलाफ़ मज़बूती के साथ खड़े रहे।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही, करीब 85 देशों के राजदूत, दिल्ली से अमृतसर गए थे। वहाँ राजदूतों ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन तो किए ही, उन्हें सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला। इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल मीडिया पर वहाँ की तस्वीरें साझा की।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों को एक करने का एक बहुत बड़ा भगीरथ और ऐतिहासिक काम किया। सरदार वल्लभभाई पटेल की ये ही विशेषता थी जिनकी नज़र हर घटना पर टिकी थी। एक तरफ उनकी नजर हैदराबाद, जूनागढ़ और अन्य राज्यों पर केंद्रित थी, तो वहीं दूसरी तरफ उनका ध्यान सुदूर दक्षिण में लक्षद्वीप पर भी थी।
उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को हर बार की तरह रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोग शामिल होंगे। ‘रन फॉर यूनिटी’ इस बात का प्रतीक है कि यह देश एक है। एक दिशा में चल रहा है और एक लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। एक लक्ष्य- एक भारत श्रेष्ठ भारत। उन्होंने दिवाली के मौक़े पर देशवासियों से स्थानीय लोगों, बुनकरों और कारीगरों से सामान ख़रीदने का आग्रह किया।
PM Modi in #MannKiBaat: On 31st Oct 2018 ‘Statue of Unity’, made in the memory of Sardar Patel, was dedicated to the nation & world. It’s the tallest statue of world, twice the height of ‘Statue of Liberty’. The tallest statue of the world fills every Indian with pride.(file pic) pic.twitter.com/GvBpw51Z5W
— ANI (@ANI) October 27, 2019