मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के कॉन्ग्रेस से मोहभंग होने और बीजेपी में शामिल होने की संभावनाएं मीडिया में जताई जा रही हैं। हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस बीच, अंदरखाने कमलनाथ की नाराजगी की वजहों पर भी चर्चाएँ चल रही हैं। माना जाता है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की हार के बाद ही कमलनाथ और राहुल गाँधी के बीच में दूरियाँ आई हैं।
कॉन्ग्रेस चुनाव हारी, ठीकरा कमलनाथ पर?
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। ये कहा जा रहा था कि कॉन्ग्रेस किसी भी अन्य राज्य की तुलना में मध्य प्रदेश में कहीं ज्यादा मजबूत है। लेकिन कॉन्ग्रेस को हार झेलनी पड़ी। इस चुनाव में रणदीप सुरजेवाला को पर्यवेक्षक बनाया गया था। उन्होंने रिपोर्ट सौंपी कि कमलनाथ का सॉफ्ट हिंदुत्व बीजेपी का मुकाबला नहीं कर पाया। इसके अलावा कॉन्ग्रेस की गुटबाजी भी इसकी वजह बनी।
कॉन्ग्रेस की हार हुई, तो सारा ठीकरा कमलनाथ के सिर पर फोड़ दिया गया। उन्हें तुरंत ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। यही नहीं, कॉन्ग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बनाया। वो भी तब, जब लोकसभा चुनाव 2024 सिर पर है। यही नहीं, उनके भगवान भक्त होने पर भी सवाल उठाए गए, उनकी आस्था का भी मजाक उड़ाने की कोशिश की गई। इस बीच, राहुल गाँधी का व्यवहार भी रुखा रहा। ऐसे में माना जा रहा है कि कमलनाथ ने अब फैसला ले लिया है।
कमलनाथ को कभी इंदिरा गाँधी का तीसरा बेटा तक कहा जाता था। वो हमेशा पार्टी के लिए खड़े रहे। जब पार्टी के बहुत बड़े नेताओं ने भी साथ छोड़ दिया, तब भी उन्होंने कॉन्ग्रेस को संभाले रखा। लेकिन इस समय जो चर्चाएँ चल रही हैं, वो ये बता रही हैं कि कमलनाथ अब आगे का रास्ता कॉन्ग्रेस के बगैर ही तय करने वाले हैं।
बता दें कि सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ भी कॉन्ग्रेस छोड़ सकते हैं। दोनों ही इन दिनों दिल्ली में हैं। बताया जा रहा है कि वो बीजेपी आलाकमान के संपर्क में है। जल्द ही इस बात की घोषणा की जा सकती है। नकुलनाथ अभी छिंदवाड़ा से लोकसभा सांसद हैं। ये सीट कमलनाथ की पारंपरिक सीट मानी जाती है। वो दशकों तक इस सीट से लोकसभा चुनाव जीतते आए हैं, उनके बाद उनके बेटे नकुलनाथ ने विरासत को थाम रखा है।
कॉन्ग्रेस के कई विधायक भी छोड़ सकते हैं पार्टी
कमलनाथ-नकुलनाथ एपिसोड के साथ ही एक बार फिर से मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस में टूट हो सकती है। कॉन्ग्रेस के कई विधायक कमलनाथ के साथ ही पार्टी बदल सकते हैं। रिपोर्ट की मानें, तो कमलनाथ के साथ ही सुनील उईके (जुन्नारदेव), सोहन वाल्मीकि (परासिया), विजय चौरे (सौंसर), निलेश उईके (पांढुर्णा), सुजीत चौधरी (चौरई), कमलेश शाह (अमरवाड़ा), दिनेश गुर्जर (मुरैना), संजय उईके (बैहर), मधु भगत (परसवाड़ा) और विवेक पटेल (वारासिवनी) जैसे विधायक कॉन्ग्रेस छोड़ सकते हैं। वहीं, कमलनाथ समर्थक मुरैना और छिंदवाड़ा के महापौर भी कॉन्ग्रेस छोड़ सकते हैं।
कमलनाथ के समर्थक पूर्व मंत्री ने लिखा ‘जय श्री राम’, पटवारी खेमे में खामोशी
कमलनाथ के समर्थक पूर्व सांसद और मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने एक्स पर जय श्री राम पोस्ट किया। कमलनाथ-नकुलनाथ की बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के समय ये पोस्ट बहुत कुछ कह रही है। उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया है कि जहाँ भी कमलनाथ होंगे, वहाँ वो खड़े मिलेंगे।