साल 2024 में देश में होने जा रहे लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस को झटका देकर पार्टी के वरिष्ठ नेता तामस रॉय ने भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है। उन्होंने कोलकाता में स्थित भाजपा कार्यालय में कार्यक्रम के दौरान बीजेपी ज्वाइन की। इस दौरान प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलवाई। इस दौरान कार्यक्रम में लोकसभा सांसद व भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी भी कार्यालय में मौजूद थे। उन्होंने तापस को बीजेपी का झंडा पकड़ाया और पार्टी में उनका स्वागत किया।
#WATCH | West Bengal: Former TMC leader Tapas Roy joined BJP today in the presence of West Bengal LoP and BJP leader Suvendu Adhikari and West Bengal BJP chief Sukant Majumdar at the BJP party office in Kolkata. pic.twitter.com/p0Xo9or1QW
— ANI (@ANI) March 6, 2024
उनके भाजपा ज्वाइन करने से टीएमसी नेता उनसे नाराज हैं। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा- “टीएमसी ने उन्हें हर पद दिया। वह ईडी के डर से भाग गए या हो सकता है कि उन्हें और कुछ बड़ा ऑफर हुआ हो। उन्होंने भाजपा के आगे खुद को सरेंडर किया है। बंगाल के लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।”
VIDEO | Here’s what TMC MP Shantanu Sen said on former TMC leader Tapas Roy joining BJP earlier today.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 6, 2024
“TMC gave him all the posts possible, and he backstabbed the party. He has no ideology or principle. He ran away in fear of ED raid, or they must have offered him something… pic.twitter.com/oVD9hQ46EP
गौरतलब है कि अभी दो दिन पहले ही टीएमसी के दिग्गज नेता तापस रॉय ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के हर पद से इस्तीफा दिया था। टीएमसी छोड़ने के पीछे जो कारण दिया गया था वो था उनके और टीएमसी के बीच बढ़ी दूरियाँ। तापस रॉय ने कहा था, “मैं पिछले 25 वर्षों से पार्टी का एक ईमानदार नेता रहा हूँ, लेकिन मुझे मेरा हक कभी नहीं मिला।”
Baranagar TMC MLA Tapas Roy tenders resignation from the post of MLA as well as from the party.
— ANI (@ANI) March 4, 2024
(file pic) pic.twitter.com/GUvG3BMvbX
बता दें कि टीएमसी से तापस रॉय 4 बार विधायक रहे हैं। तापस रॉय बारानगर विधान सभा सीट साल 2011, 2016 और 2021 में टीएमसी से विधायक रहे। मौजूदा समय में वो विधायक भी थे, उन्होंने टीएमसी पार्टी के साथ ही विधायक पद भी छोड़ दिया है। इससे पहले वो बड़ा बाजार से 2001 में भी टीएमसी से विधायक चुने गए थे। वहीं, सबसे पहले साल 1996 में वो कॉन्ग्रेस के टिकट पर विद्यासागर विधानसभा सीट से विधायक बने थे।