रमजान को देखते हुए कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ने स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव का आदेश जारी किया है, ताकि माह-ए-रमजान में पढ़ाई और नमाज साथ-साथ चल रहे। स्कूलों से बच्चे गायब भी न रहें और वो अपनी ‘धार्मिक’ कार्यकलापों को भी अंजाम दे सकें। कर्नाटक के उर्दू और अन्य अल्पसंख्यक भाषा स्कूल निदेशालय ने आदेश जारी कर रमजान के दौरान स्कूलों का समय बदल दिया है। ये आदेश 6 मार्च को ही जारी किया जा चुका है।
कर्नाटक में स्कूलों के समय में बदलाव रमजान के पहले दिन से लागू हो गया। ये आदेश 10 अप्रैल, 2024 तक प्रभावी रहेगा। आधिकारिक आदेशों के अनुसार, स्कूल 8 से 12.45 तक चलेंगे और एक छात्रों को 15 मिनट का ब्रेक (सुबह 10 बजे से 10.15 बजे तक) प्रदान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस तरह के आदेश पहले भी जारी होते रहे हैं। हालाँकि कर्नाटक में एक तरफ हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव की घटनाएँ सामने आती हैं, जिसमें बच्चों को हनुमान चालीसा पाठ करने से भी रोका जाता है, तो दूसरी तरफ रमजान को देखते हुए स्कूलों के समय में ही परिवर्तन कर दिया गया है।
सोशल मीडिया एक्स पर मिस्टर सिन्हा नाम के यूजर ने लिखा, “कॉन्ग्रेस शासित कर्नाटक राज्य में रमजान के लिए स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई। यही सरकार हिंदुओं को हनुमान ध्वज तक लहराने से रोकती है। बता दें कि जनवरी महीने में ही कॉन्ग्रेस के राज वाले कर्नाटक में हिन्दुओं द्वारा लगाया गया 108 फीट का भगवा हनुमान ध्वज पुलिस जबरदस्ती उतार दिया गया था। ये मामला कर्नाटक के मंड्या जिले के केरागोडू गाँव की था, जहाँ ग्रामीणों ने आपस में चंदा इकट्ठा करके एक 108 फीट लंबा पोल स्थापित किया था। इस पर भगवा ध्वज लगा था और आंजनेय (हनुमान जी को यहाँ आंजनेय कहा जाता है) की छवि थी। इसे गाँव के रंगमंदिर के पास लगाया गया था। बताया जा रहा है कि इसके लिए ग्राम पंचायत की भी अनुमति ले ली गई थी। इसके बावजूद सरकार ने ये झंडा जबरदस्ती उतरवा दिया।
School timings are changed in Congress ruled Karnataka due to #Ramadan
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) March 12, 2024
The same govt had stopped Hindus from having Hanuman Dhwaja.
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कर्नाटक के साथ ही आंध्र प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने भी उर्दू माध्यम स्कूलों के लिए समय में फेरबदल किया है। आंध्र प्रदेश में आज (12 मार्च 2024) से 10 अप्रैल तक स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक संचालित होंगे। यह निर्णय अल्पसंख्यक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों द्वारा सरकार से कई गई माँग के बाद लिया गया है। यह आदेश राज्य भर में उर्दू माध्यम के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, उच्च विद्यालयों, समानांतर वर्गों पर लागू होता है।