Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयवायरल एटीएम चोर के तीनों कातिल रिहा, हाफिज सईद ने पीड़ित परिवार को माफी...

वायरल एटीएम चोर के तीनों कातिल रिहा, हाफिज सईद ने पीड़ित परिवार को माफी देने के लिए किया मजबूर

अदालत ने अयूबी के परिवार के सामने तीन विकल्प रखे थे। बताया जाता है कि हाफिज ने जेल में अयूबी के परिजनों को बुलाया और आरोपितों को माफ करने के लिए उन्हें मजबूर किया। अयूबी के पिता ने हाफिज के दखल पर माफी देने की पुष्टि की है।

इसी साल अगस्त के आखिर में सोशल मीडिया में एक एटीएम चोर का वीडियो वायरल हुआ था। सलाहुद्दीन अयूबी नामक यह चोर पाकिस्तान का था। वीडियो में वह सीसीटीवी कैमरे की ओर देख जीभ निकालकर कैमरे को चिढ़ाने जैसी हरकत करता नजर आया था। फिर सितंबर के शुरुआत में खबर आई कि पाकिस्तानी पुलिस ने हिरासत में उसे इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई। अब खबर यह है कि उसके तीनों कातिल रिहा कर दिए गए हैं। रिहाई आतंकी सरगना हाफिज सईद के दखल के बाद हुई है।

इससे पता चलता है कि भले दुनिया को झॉंसा देने के लिए पाकिस्तान ने हाफिज को जेल में बंद कर रखा हो, लेकिन उसके दबदबे में कोई कमी नहीं आई है। बताया जाता है कि हाफिज ने अयूबी के परिजनों को कातिलों को माफ करने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके बाद अदालत ने तीनों को छोड़ दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान पुलिस के तीन अधिकारियों पर अयूबी को हिरासत में प्रताड़ित करने का आरोप था। हाफिज सईद की मध्यस्थता के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाहिद हुसैन बख्तियार ने तीनों आरोपित महमूदुल हसन, शफात अली और मतलूब हुसैन को बरी कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये पूरी कार्रवाई सईद के निर्देशों पर हुई। वीडियो वायरल होने के बाद मानसिक रूप से कमजोर अयूबी को रहीम यार खान की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। थर्ड डिग्री के इस्तेमाल के लिए बेहद कुख्यात पाकिस्तानी पुलिस की हिरासत में उसकी मौत ने पूरे मुल्क में आक्रोश पैदा कर दिया था। आरोपित पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग हुई थी। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने घटना की जॉंच के आदेश देते हुए कहा था कि घटना में संलिप्त बख्शे नहीं जाएँगे।

हालाँकि मामला जब कोर्ट में पहुँचा तो पीड़ित परिवार के सामने अदालत ने तीन विकल्प रखे कि या तो वे खून के बदले आरोपितों से धन ले लें, या अल्लाह के नाम पर उन्हें माफ कर दें या फिर कानूनी लड़ाई के लिए आगे बढ़ें। लेकिन यहाँ परिवार ने पुलिसकर्मियों को माफ करने का विकल्प चुना।

इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपितों को बरी करवाने के लिए सईद ने मृतक के परिजनों से जेल में मुलाकात की थी, जहाँ उसने उन्हें पुलिसकर्मियों को माफ करने के लिए मजबूर किया। परिवार को राजी करने के लिए आरोपित पुलिसकर्मियों, उनके अधिकारियों और मृतक के परिजनों ने जेल में सईद के साथ कई बैठकें की, जिसके बाद समझौता संभव हुआ। खबरों के अनुसार जब अयूबी के पिता से इस मामले में संपर्क किया गया तो उन्होंने पुष्टि की कि परिवार ने सईद की ‘इच्छा’ पर पुलिसकर्मियों को माफ कर दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड: CM सरमा का ऐलान- जिसका NRC का आवेदन नहीं, उसे AADHAAR नहीं

असम के सीएम सरमा ने कहा है कि जिन लोगों ने NRC के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें आधार कार्ड नहीं जारी किया जाएगा।

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -