अयोध्या में श्रीराम का जन्म हुआ था और राम मंदिर वहीं बन रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में वहाँ मंदिर होने की बात कही। अब इसी हिसाब से NCERT ने भी अपने सिलेबस में बदलाव किया गया है। बाबरी को अब ‘मस्जिद’ की जगह ‘तीन गुम्बदों वाला ढाँचा’ बताया गया है। 12वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान की पुस्तक में ये बदलाव किया गया है। पाठ संख्या 8 में ‘भारतीय राजनीति में ताज़ा बदलाव’ के अंतर्गत बाबरी के संबंध में ये चीज लिखी गई है।
इसमें पिछले कुछ दशकों में हुए 5 बदलावों के बारे में बताया गया है – 1989 में कॉन्ग्रेस पार्टी की बुरी हार, मंडल मुद्दे का उभार, राजीव गाँधी की हत्या और उदारीकरण के तहत आर्थिक बदलाव। इनके अलावा अयोध्या मामले का भी जिक्र किया गया है। हालाँकि, सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा, कारसेवकों के किरदार, बाबरी ढाँचे के ध्वस्तीकरण के बाद दंगे, राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने और अयोध्या में हुए अन्य बदलावों वाले विषयों को डिलीट किया गया है।
अयोध्या को अब ‘विवाद’ की जगह ‘राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन’ बताया गया है। इसमें बताया गया है कि सदियों पुराने राजनीतिक व कानूनी विवाद का भारतीय राजनीति पर बहुत प्रभाव पड़ा, इसके कारण कई बदलाव हुए। साथ ही अयोध्या को भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक बताया गया है। राम जन्मभूमि को ‘राष्ट्रीय गर्व’ लिखा गया है। वहीं बताया गया है कि सन् 1528 में इसे तोड़ कर यहाँ ढाँचा बना दिया गया। जिक्र किया गया है कि कैसे 1986 में फ़ैजाबाद के डीएम के आदेश पर ढाँचे का ताला खुला और यहाँ पूजा की अनुमति दी गई।
The revised #NCERT Class 12 Political Science textbook, which hit the market last week, does not mention the Babri Masjid and instead, refers to it as a “three-domed structure.
— The Indian Express (@IndianExpress) June 16, 2024
A section on #Ayodhya has been pruned from 4 to 2 pages and telling details have been deleted from… pic.twitter.com/lpNwWz4f4x
इसमें लिखा है कि कैसे समाज ने बड़े पैमाने पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जश्न मनाया, ये एक संवेदनशील मुद्दे पर आम सहमति बनाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। NCERT ने लिखा है कि कैसे भारत में सभ्यतागत रूप से निहित लोकतान्त्रिक लोकाचार को भी ये फैसला परिभाषित करता है। वहीं बाबरी को ध्वस्त किए जाने वाली खबर और कल्याण सिंह सरकार को हटाने वाले वाली खबर की पेपर कटिंग हटा दी गई है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के फैसले को प्राथमिकता दी गई है।