गुजरात के पावागढ़ में जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को ध्वस्त किए जाने का मामला गर्मा गया है। जैन समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद अब राज्य सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि उनकी भावनाओं का सम्मान किया जाएगा। गुजरात सरकार में खेल, युवा मामलों एवं सांस्कृतिक गतिविधि, एक्साइज एन्ड प्रोहिबिशन, सीमा सुरक्षा एवं जेल और गृह, पुलिस हाउसिंग व आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय सँभाल रहे हर्ष संघवी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने पावागढ़ को ऐतिहासिक स्थल बताते हुए कहा कि यहाँ की पहाड़ी पर कई जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी ट्रस्ट, संस्था या व्यक्ति को अधिकार नहीं है कि इस पवित्र स्थल पर जैन तीर्थंकरों की ऐतिहासिक प्रतिमाओं को ध्वस्त करे। साथ ही गुजरात के गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि जैन समाज की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचने दिया जाएगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तरफ से उन्होंने ये आश्वासन दिया है।
गुजरात सरकार ने आश्वासन दिया है कि जिन प्रतिमाओं को ध्वस्त किया गया है, उन्हें पूर्ववत ही उनके स्थान पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यहाँ तक कहा कि कुछ ही घंटों में ये काम कर लिया जाएगा। पावागढ़ पुलिस थाने के बाहर भी बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। जैन समाज का कहना है कि तीर्थंकरों की प्रतिमाओं के ध्वस्तीकरण पर लगाम लगे। ‘वरोदड़ा समस्त जैन संघ’ ने जिले के DM से मिल कर भी अपनी बात रखी।
#WATCH | Gandhinagar: On Pavagadh Jain temple issue, Gujarat Minister Harsh Sanghvi says, "Pavagadh is a historic land. Many Jain teerthankars' statues had been established on the mountains of Pavagadh…No trust, organisation or individual has the right to demolish such historic… pic.twitter.com/WzCiptEZoM
— ANI (@ANI) June 17, 2024
जैन समाज की ये भी माँग है कि जिनलोगों ने तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को नुकसान पहुँचाया है उन पर कार्रवाई भी की जाए। सूरत में भी एडिशनल कलक्टर विजय रावल को जैन समाज ने ज्ञापन सौंपा। जिन प्रतिमाओं को ध्वस्त किया गया, उनमें 22वें तीर्थंकर भगवान नेमीनाथ भी शामिल थे। प्रतिमाओं को न सिर्फ तोड़ा गया, बल्कि कचरे में भी फेंक दिया गया था। असल में 20 दिन पहले से ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू है। उनका कहना है कि ये मूर्तियाँ हजारों वर्ष पुरानी हैं।
Extremely shocking News 😰
— Tanvi Jain 🇮🇳 (@TanviSolanki_) June 16, 2024
All the ancient Jain idols of our Tirthankars on the stairs of #Pavagadh hill, #Gujarat (which were crucial evidences of Antiquity of Jainism), have been broken and thrown away. Jain monk Muni Shri #Jinpremvijay ji m s and shravaks have reached the… pic.twitter.com/mZlMeNR2fd
असल में पावागढ़ स्थित महाकाली मंदिर वाले क्षेत्र को भी विकसित किया जा रहा है, उसी क्रम में ये सब हुआ। ‘महाकाली मंदिर ट्रस्ट’ और जैन समाज के बीच आखिरकार करार भी हो गया है। शक्तिपीठ की तरफ जाने वाले रास्ते में दादरा के दोनों तरफ इन मूर्तियों को मंदिर ट्रस्ट ने हटाया था। जैन समाज को महाकाली मंदिर में सुविधाएँ बढ़ाए जाने से दिक्कत नहीं है, उनका कहना है कि श्वेताम्बर प्रतिमाओं को फिर से लगाया जाए। अब विवाद का निपटारा होता दिख रहा है।