Friday, October 18, 2024
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नाम, उम्र, सर्टिफिकेट… IAS बनने के लिए पूजा खेडकर ने सबमें किया झोल, UPSC एप्लीकेशन से खुले राज, OBC कोटे का भी झूठ बोला

खबरों के मुताबिक कि उन्होंने महज 3 साल के अंतर में दो डॉक्यूमेंट में अपनी उम्र अलग अलग बताई है। उन्होंने साल 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल को एक एप्लीकेशन दिया था, जिसमें उनकी उम्र 30 साल और साल 2023 में इस प्रकार के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल दिखाई दे रही है।

महिला ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर मीडिया में नई जानकारी सामने आई है। अभी तक जहाँ उनकी अनुचित माँगों और शारीरिक दिव्यांगता से जुड़े फर्जी डॉक्यूमेंट के कारण वे सवालों के घेरे में थीं तो वहीं अब मामले में पता चला है कि पूजा खेडकर ने अपनी उम्र को लेकर भी झूठ बोला है। खबरों के मुताबिक पूजा खेडकर ने महज 3 साल के अंतर में दो डॉक्यूमेंट में अपनी उम्र अलग-अलग बताई। इसके मुताबिक उनकी उम्र 3 साल में सिर्फ 1 साल बढ़ी है।

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने साल 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल को एक एप्लीकेशन दिया था, जिसमें उनकी उम्र 30 साल और साल 2023 में इस प्रकार के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल दिखाई दे रही है। इन्हीं डॉक्यूमेंट को देखते हुए सवाल खड़ा हो रहा है कि जब ऐसा नहीं हो सकता कि दिसंबर 2020 से लेकर 2023 तक में पूजा खेडकर की उम्र केवल 1 साल बढ़ी हो तो इससे तो यही साफ है कि उन्होंने अपनी उम्र को लेकर दस्तावेजों में झूठ बोला है।

इसके अलावा पूजा खेडकर के नाम को लेकर भी बवाल है। उन्होंने साल 2020 में अपने दस्तावेज में अपना नाम डॉ खेडकर पूजा दिलीप राओ बताया था। वहीं 2023 में उन्होंने अपना मिस पूजा मनोरमा लिखा था। वहीं पिता के नाम की स्पेलिंग को भी बदल दिया था। 2023 में उन्होंने नाम उन्होंने ऐसा क्यों किया इसकी छानबीन की जा रही है। उनके नाम में डॉक्टर होने और फिर डॉक्टर हटाने की चर्चा मीडिया में तेज है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया।

फोटो साभार: इंडिया टीवी

बता दें कि इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि पूजा खेडकर ने 2007 में एमबीबीएस में एडमिशन लेते समय भी घालमेल किया था। दरअसल, पूजा खेडकर ने एमबीबीएस में ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के तहत एडमिशन लिया था जबकि उनके माता-पिता प्रशासनिक अधिकारी थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस, एमडी (माइक्रोबायोलॉजी) डॉ. अरविंद वी. भोरे ने दावा किया था कि IAS अधिकारी डॉ पूजा खेडकर ने 2007 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जमा किया था। इस दौरान उन्होंने ओबीसी खानाबदोश जनजाति-3 कैटेगरी के तहत एडमिशन लिया था, जो वंजारी समुदाय के लिए रिजर्व है। एडमिशन के वक्त उन्होंने किसी प्रकार की फिजिकल डिसेबिलिटी को लेकर कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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