मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित खजराना मंदिर में 14 मुस्लिम लोगों ने हिंदू धर्म में स्वेच्छा से घर वापसी की है। मंदिर में पूरा कार्यक्रम विधि-विधान से संपन्न हुआ। घर वापसी करने वालों ने सनातन स्वीकार करके अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस धर्म का न आरंभ है और न ही अंत है। इसके चलते वह हिंदू धर्म में आ रहे हैं।
शाजिया हाशमी से सपना बनने वाली युवती ने कैमरे पर बताया कि वो बिना किसी के दबाव के हिंदू धर्म में आ रही हैं। उन्हें ये धर्म बहुत अच्छा लगता है इसलिए उन्होंने ये निर्णय लिया। इसी प्रकार से अलफीजा से आलिया बनने वाली लड़की ने भी सनातन में आने की खुशी जताई।
घर वापसी करने वालों के नाम नीचे दिए गए हैं। आखिर के चार नाम वो हैं जिन्होंने मुस्लिम लड़की से शादी की थी, इसलिए कार्यक्रम में उनका शुद्धिकरण भी कराया गया। कुल 18 नाम हैं।
- शाजिया हाशमी से सपना
- अलफीजा से आलिया
- आमिना से अमृता
- आरजू से एलिना
- अदनान शाह से आरव
- तरन्नुम बी से तम्मन्ना
- मुमताज बी से मीना
- मुबारक शाह से मुकेश
- समीर से सावन
- सोफिया से भूमिका
- अबेल मसीह से भरत
- अयाना से प्रशंसा
- अफसाना से आरती
- मरयम से आश्रिता
शुद्धिकरण वाले
15.राकेश - महिमा
- अनिता
- अभिषेक
बता दें कि ये घर वापसी विहिप नेता संतोष कुमार शर्मा के नेतृत्व में कराई गई है जिन्हें पिछले दिनों घर वापसी अभियान के कारण धमकी की भी मिली थी। हालाँकि वह इन धमकियों से डरे नहीं और कहा कि आने वाले समय में भी वो घर वापसी करवाएँगे। संतोष ने ऑपइंडिया से बात करते 14 लोगों की घर वापसी और 4 लोगों के शुद्धिकरण की जानकारी की पुष्टि की। मालूम हो कि उन्होंने पिछले महीने भी खजराना के मंदिर में 30 लोगों को हिंदू धर्म में घरवपासी कराई थी। इस बार भी ये संख्या 14 है। वहीं अप्रैल माह में ये गिनती 8 थी। उस समय 8 मुस्लिमों ने हिंदू धर्म को स्वीकार था।
इस घर वापसी से पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई थीं। इन 18 लोगों में 2 मंदसौर के रहने वाले हैं और कुछ इंदौर के खजराना के ही हैं। इन लोगों ने बताया है कि ये लोग मुस्लिम समाज की विभिन्न तरह की कुरीतियों से परेशान हो गए थे इसलिए ये हिंदू धर्म में आए।
वहीं एक मुस्लिम महिला ने बात करते हुए कहा कि उसे बचपन से ही मंदिर जाना और हिंदुओं को देखकर जिस तरह से वह पूजा पाठ करते थे काफी अच्छा लगता था और हमारे मुस्लिम समुदाय में इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं होता था। साथ ही उनका तो यह भी कहना है की मस्जिदों में भी मुस्लिम महिलाओं को जाने पर प्रतिबंध है और इन्हीं सब कारणों से परेशान होकर उसने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया।