जहाँ एक तरफ भारत में कई रोहिंग्या घुसपैठिए दर्जी दस्तावेज बना कर बैठे हुए हैं और विभिन्न प्रकार के अपराधों में भी लिप्त पाए जाते हैं, वहीं पड़ोसी देश म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर वार किया जा रहा है। बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है, शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर मुल्क से भागना पड़ा। उसके बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इसी बीच मुफीद माहौल देख कर म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में घुसपैठ करने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सीमा के पास ही म्यांमार ने इन रोहिंग्या मुस्लिमों की लाशें बिछा दी। उनके रिश्तेदार अपनों के शवों को ढूँढ रहे हैं। ये घटना सोमवार (5 अगस्त, 2024) की बताई जा रही है, जिसका खुलासा अब हुआ है। इस घटना के 4 गवाह सामने आए हैं। इस हमले में एक गर्भवती महिला और उसकी 2 साल की बेटी की भी मौत हो गई। म्यांमार में जुंटा सेना और बागियों की झड़प के बीच रखाइन में ये पहला बड़ा हमला है। इस घटना के लिए ‘अराकान आर्मी’ को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
हालाँकि, उसने और म्यांमार की सेना दोनों ने इस घटना से खुद को अलग कर लिया है। मृतकों के स्पष्ट आँकड़े अब तक सामने नहीं आए हैं। वीडियो में देखा गया कि दलदली क्षेत्र में लाशें बिछी हुई हैं और आसपास उनके सूटकेस और बैग्स के अलावा अन्य सामानों के ढेर लगे हुए हैं। वहाँ से बच कर निकले कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने 70 लाशें देखी हैं, जबकि कुछ ने 200 का आँकड़ा दिया है। घटना म्यांमार के तटीय शहर माउंगडॉ के पास की है। मोहम्मद इलियास ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी और 2 साल की बेटी मारी गई।
#Myanmar Burmese genocidal military and the terrorist militant group #ArakanArmy their target is to finish the #Rohingya Muslims who are still surviving in Arakan State.#SaveRohingya
— T.K.D Mojibur Rahman (@KMojibur74818) August 10, 2024
Here is the caption of the following video 👇 pic.twitter.com/v7IBWuRZTY
ड्रोन का इस्तेमाल कर गोलियाँ बरसाई गईं। कई लोग बचने के लिए जमीन पर लेट गए। 28 वर्षीय शमशुद्दीन अपनी पत्नी और नए जन्मे बच्चे के साथ किसी तरह बच निकला, उसने बताया कि लोग दर्द से कराह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों और बांग्लादेश की मीडिया का कहना है कि दोनों देशों की सीमा निर्धारित करने वाली नाफ़ नदी में भाग रहे रोहिंग्या मुस्लिमों की नाव भी डूब गई, जिसमें कई मरे। UN ने कहा कि उसे इन घटनाओं का पता है, लेकिन कितने लोग मरे हैं वो इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। म्यांमार से अब तक 7.30 लाख रोहिंग्या भाग चुके हैं।