कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ओपीडी सेवाएं ठप हो चुकी हैं और मरीजों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इस हड़ताल का नेतृत्व आईएमए कर रहा है, जिसमें आईएमए ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएँ ठप करने का निर्देश अस्पतालों को दिया है। इस बीच, केंद्र सरकार ने डॉक्टरों से हड़ताल को खत्म करने की अपील की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वो अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक पैनल गठित किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टरों की सभी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस पैनल में राज्य सरकारों सहित सभी संबंधित हितधारकों के सुझाव शामिल होंगे, जिन्हें अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। सरकार की तरफ से यह आश्वासन तब मिला है जब आईएमए के आह्वान पर देशभर के डॉक्टर 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल कर रहे हैं।
देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल का असर दिख रहा है। जोधपुर में करीब 200 से ज्यादा ऑपरेशन्स को स्थगित करना पड़ा, वहीं भोपाल में सैकड़ों डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है। इस हड़ताल के कारण कई अस्पतालों में मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी और ओटी सेवाएं भी ठप हो गई हैं, और केवल इमरजेंसी सेवाओं को ही जारी रखा गया है।
बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर की घटना के बाद 14 अगस्त को इसी अस्पताल में हिंसा हुई थी। इसके बाद आईएमए ने देशभर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। इस घटना के बाद से पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
आईएमए के प्रमुख ने कहा है कि अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रहेंगी। उन्होंने केंद्र सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। आईएमए का कहना है कि डॉक्टरों की जान की हिफाजत उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसी कोई मांग नहीं कर रहे हैं, जिसे सरकार पूरा न कर सके। डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।