Friday, October 18, 2024
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13 साल की उम्र में ISIS ने अगवा करके बनाया सेक्स स्लेव: फिर बार-बार हुआ बलात्कार

"कुर्द क्षेत्र से यूएस की सेना हटाए जाने के बाद उन्हें बहुत छला हुआ महसूस होता है। तुर्की द्वारा कुर्दीश सेनाओं पर हमले बढ़ गए हैं। कुर्दीश सेनाओं ने भी हिरासत में लिए ISIS के आतंकियों को छोड़ दिया है....."

मात्र 13 साल की उम्र थी इमान अब्दुल्लाह की जब ISIS के आतंकियों ने उन्हें अगवा किया और फिर सेक्स स्लेव बनाकर बार-बार बेचते रहे। इस बीच कई वहशियों ने उनपर अपनी दरिंदगी दिखाई और अनगिनत बार उनका बलात्कार हुआ। ये क्रम इमान के साथ तब तक चला जब तक राहतकर्ताओं ने उन्हें आतंकियों की जकड़ से छुड़वाकर उनके परिवार से नहीं मिलवाया।

इराक के अल्पसंख्यक समुदाय यजीदी से आने वाली इमान ने मुंबई दौरे के दौरान अपने जीवन के उन दर्दनाक पलों की हकीकत को बयान करते हुए मंगलवार को पत्रकारों से बात की। यहाँ उन्हें और उनके कुछ साथियों को हार्मनी फाउंडेशन के वार्षिक मदर टेरेसा पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आमंत्रिण किया गया था।

इस दौरान उन्होंने ISIS की ऐसी दरिंदगी का खुलासा किया, जिसे सोचकर भी आम इंसान की रूह काँप जाए। इमान ने बताया कि ISIS के आतंकियों ने न केवल उनके समुदाय (यजीदी) की लड़कियों को अगुआ करके सेक्स स्लेव बनाया, बल्कि उनका धर्म परिवर्तन भी करवाया। उन पर क्रूरता हुई और उन्हें शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुसैन अल कैदी (बाईं), काव्यर उमर अहमद, डॉ अब्राहिम, मथई और इमान अब्दुल्लाह। (तस्वीर साभार: द हिंदू)

अब्दुल्ला इस दौरान वार्ता में हुसैन अल कैदी के साथ मौजूद थी। जो उन्हें रेस्क्यू करने वाले संस्था के निदेशक हैं। मीडिया से बातचीत में अल कैदी ने बताया, “कुर्द क्षेत्र से यूएस की सेना हटाए जाने के बाद उन्हें बहुत छला हुआ महसूस होता है। तुर्की द्वारा कुर्दीश सेनाओं पर हमले बढ़ गए हैं। कुर्दीश सेनाओं ने भी हिरासत में लिए ISIS के आतंकियों को छोड़ दिया है। हमें डर लगता है कि ये ISIS आतंकी दोबारा याजिदियों पर हमला करेंगे।”

इमान के साथ आए अल कैदी ने अपनी बात कहते हुए इस बात पर जोर दिया कि वे कुर्द के एक गर्वित नागरिक हैं। जहाँ मुस्लिम, ईसाई और यजीदी पूरी तरह शांति बनाकर रहते हैं।

गौरतलब है कि साल 2014 में ISIS ने इराकी शहर सिंजर पर कब्जा करके यजीदियों के घर पर हमला बोला था। जिसके बाद अमेरिकी सेना ने ISIS से लड़ने के लिए कुर्द सेना के साथ गठबंधन किया और आतंकवादियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। कई आतंकियों को इस दौरान जेल में भी डाला गया। स्थिति सुधरने लगी कि अक्टूबर 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प ने उत्तरी सीरिया से अमेरिकी सेना वापस लेने की घोषणा कर दी और कुर्द बलों को लड़ाई लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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