Friday, September 20, 2024
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बांग्लादेश की सेना को मिली पुलिस-जज वाली ताकत, बिना वारंट किसी को भी तत्काल कर सकेगी गिरफ्तार: अंतरिम सरकार ने दिया पावर, सजा भी सुनाएगी

युनुस सरकार के इस निर्णय के तहत अब फौज के अफसर जज का काम करेंगे। यह फौजी अफसर लोगों को जेल भेजने, सजा सुनाने और जेल में रखने के आदेश सुना सकेंगे। यह आदेश ढाका समेत शहरी इलाकों के बाहर के क्षेत्र में लागू होगा।

बांग्लादेश की फौज अब देश में पुलिस और जज का काम कर सकेगी। इसकी मंजूरी उसे मोहम्मद युनुस वाली अंतरिम सरकार ने दी है। बांग्लादेश की फौज को पुलिस के तौर पर काम करने का अधिकार मिलने का अर्थ है कि यह अब देश भर में लोगों को गिरफ्तार कर सकेगी और उन्हें हिरासत में ले सकेगी। इसके अलावा उसे लोगों को गिरफ्तारी में रखने का भी अधिकार होगा क्योंकि उसके पास जज वाली शक्तियाँ होंगी। बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में फौज का दखल अब बढ़ने का अंदेशा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के 1898 के CRPC के तहत फ़ौज को यह शक्तियाँ दी गईं हैं। यह शक्तियाँ फौज को 60 दिन के लिए दी गई हैं। युनुस सरकार ने हाल ही में इस निर्णय का ऐलान किया है। युनुस सरकार के इस निर्णय के तहत अब फौज के अफसर जज का काम करेंगे। यह फौजी अफसर लोगों को जेल भेजने, सजा सुनाने और जेल में रखने के आदेश सुना सकेंगे। यह आदेश ढाका समेत शहरी इलाकों के बाहर के क्षेत्र में लागू होगा।

बांग्लादेशी फौज के जवान देश के भीतर पुलिस की तरह काम करेंगे और किसी को भी गिरफ्तार कर सकेंगे और साथ ही रिपोर्ट भी दर्ज कर सकेंगे। आलोचकों का कहना है कि बांग्लादेश की फौज को यह ताकत मिलने से वह आंतरिक मामलों में दखल देगी और इससे उसे असीमित शक्तियाँ मिल गई है। बांग्लादेश की फौज लगातार जुलाई महीने से ही देश के अलग-अलग इलाकों में तैनात है। तब यह आरक्षण विरोधी आन्दोलन में हुई हिंसा रोकने के लिए तैनात की गई थी।

बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट हो गया था और उन्हें देश छोड़कर भारत आना पड़ा था। इसके बाद मोहम्मद युनुस की अंतरिम सरकार ने यहाँ कामकाज सम्भाला था। देश की सेना ने इस बात का ऐलान किया था कि यहाँ अब अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। अंतरिम सरकार ने अब सेना को यह शक्तियाँ दे दी हैं। सेना को यह शक्तियाँ देने के पीछे एक कारण यह भी है देश भर में पुलिस व्यवस्था को हालिया प्रदर्शन में काफी नुकसान पहुँचा है।

पुलिसकर्मी हालिया प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रहे थे। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की हत्या भी कर दी गई थी। कई जगह पुलिसकर्मियों को भीड़ ने मारा था। इस कारण कई पुलिस वालों ने काम पर लौटने से भी मना किया था। कई जगह थानों को जला दिया गया था। सरकार बदलने के बाद देश भर में पुलिस व्यवस्था चरमरा गई है, इसके बाद फ़ौज को सामान्य कानून व्यवस्था के लिए सड़कों पर उतार दिया गया था। अब उसे अधिकार भी मिल गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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