Tuesday, October 22, 2024

भगोड़ा है जाकिर नाइक, FIR जोड़ने की अपील कैसे कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार

भगोड़े इस्लामी कट्टरपंथी जाकिर नाइक के खिलाफ देश भर में दर्ज किए गए नफरत भरे भाषणों के मामलों को एक साथ जोड़ने की याचिका का महाराष्ट्र सरकार ने सवाल उठाया है। महाराष्ट्र सरकार ने पूछा कि इन मामलों को एक साथ जोड़ने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की अनुमति कैसे दे दी गई। बता दें कि कई मामलों में नाइक के खिलाफ NIA जाँच कर रही है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश भारत के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने तर्क दिया कि क्या एक घोषित भगोड़ा को संविधान के अनुच्छेद 32 (मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार) याचिका दायर कर सकता है? तर्क को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने की अनुमति दे दी।

बार एंड बेंच के मुताबिक, नाइक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य सोंधी सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ के समक्ष पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि नाइक द्वारा दायर रिट याचिका 2013 की है और इसमें उनके खिलाफ लगभग 43 मामलों को एक साथ जोड़ने की माँग की गई है।