मुंबई में शिवाजी पार्क पर दिवाली समारोह को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक पत्र में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए मुंबई के दादर इलाके के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में दिवाली के दौरान दीपोत्सव का आयोजन किया। इस मामले के सामने आने पर बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की पार्टी को ‘औरंगजेब फैन क्लब’ करार दिया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने गुरुवार (31 अक्टूबर 2024) को चुनाव आयोग को लिखे पत्र में माँग की है कि इस दीपोत्सव का सारा खर्च एमएनएस उम्मीदवार अमित ठाकरे के चुनावी खर्च में जोड़ा जाए। अमित ठाकरे एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के बेटे हैं और महिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार शिवसेना (यूबीटी) इस दीपोत्सव का विरोध कर रही है क्योंकि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू है।
शिवसेना (यूबीटी) के उप सचिव सचिन पारस्नाइक ने बयान में कहा कि “पूरे राज्य में आचार संहिता लागू है। इसके बावजूद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एमएनएस को शिवाजी पार्क में दीपोत्सव आयोजित करने की अनुमति दी, जो बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है। एमएनएस ने वहाँ पार्टी के बैनर लगाए, गेट बनाए और दीप जलाए। यह आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।”
पारस्नाइक ने यह भी बताया कि दीपोत्सव के उद्घाटन के समय अमित ठाकरे वहाँ मौजूद थे, इसलिए इस आयोजन के खर्च को उनके चुनावी खर्च में गिना जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से सार्वजनिक स्थलों पर राजनीतिक प्रचार की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की। शिवसेना (यूबीटी) ने महेश सावंत को महिम से उम्मीदवार बनाया है, जहाँ से एमएनएस के अमित ठाकरे और शिवसेना-शिंदे गुट के सदा सरवणकर भी मैदान में हैं।
औरंगजेब फैन क्लब को चुभने लगी है दिवाली : बीजेपी
बीजेपी की प्रतिक्रिया बीजेपी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी और दिवाली के दौरान चुनाव आयोग में शिकायत करने पर शिवसेना (यूबीटी) की आलोचना की। बीजेपी ने कहा, “मुंबई का शिवाजी पार्क, एक ऐतिहासिक स्थल है और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व पर दिए गए ऐतिहासिक भाषणों का साक्षी रहा है। यह उनके बेटे की तरफ से विरासत का अपमान है, जो दिवाली समारोह के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। क्या हिंदू त्योहार अब ‘औरंगजेब फैन क्लब’ को भी चुभने लगे हैं?”
Chhatrapati Shivaji Park, a historical place in Mumbai a testimony to the legacy of Swargiya Balasaheb Thackeray's historical speeches on Hindutva.
— BJP Mumbai (@BJP4Mumbai) October 31, 2024
Such a downfall to the legacy being tainted by his own son @OfficeofUT as UBT has gone to Election Commission complaining over… pic.twitter.com/K3BeU1W0p1
एमएनएस ने भी शिवसेना (यूबीटी) के दिवाली समारोह पर आपत्ति जताने पर पलटवार किया। एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर ने कहा, “हम यहाँ कई सालों से दीपोत्सव मना रहे हैं। इसका अमित ठाकरे के प्रचार से कोई लेना-देना नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) एक हिंदू त्योहार पर आपत्ति कर रही है क्योंकि उसने हिंदू विचारधारा को छोड़ दिया है। अब उन्हें अपना धर्म बदल लेना चाहिए।”
शिवसेना (यूबीटी) ने भी बीजेपी पर हिंदुत्व के नाम पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा, “हिंदुत्व का उपयोग आप लोग गंदी राजनीति के लिए करते हैं। स्पष्ट है कि विरोध ‘दिवाली’ मनाने का नहीं, बल्कि उसके राजनीतिक उपयोग का है। लगातार झूठ और ‘फेक नैरेटिव’ फैलाकर आप लोगों ने अपने ‘चुनावी हिंदुत्व’ का चेहरा दिखाया है! आपने चुनाव के लिए राम मंदिर का भी इस्तेमाल किया। आधे बने मंदिर में श्रीराम को स्थापित किया, जिसका नतीजा भी आपके सामने है। अयोध्या जो श्रीराम की नगरी है, वहाँ बीजेपी का सफाया हुआ! अब महाराष्ट्र भी ‘बीजेपी मुक्त’ होगा।”
हिंदुत्वाचा वापर घाणेरड्या राजकारणासाठी करत राहणं हेच तुम्हाला येतं. विरोध 'दीपावली' ला नव्हे तर त्याच्या राजकीय वापराला आहे हे स्पष्ट आहे. पण सातत्याने रेटून खोटं बोलणं आणि 'फेक नरेटिव्ह' पसरवणं हेच करुन आत्ताही तुम्ही तुमचं 'चुनावी हिंदुत्व' दाखवून दिलंत!
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) October 31, 2024
जसा तुम्ही राम… https://t.co/rdNO40SFB1
मुंबई के जिला चुनाव अधिकारी और बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी ने बताया कि शिवाजी पार्क में आयोजित समारोह का खर्च चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) का चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराना तब हुआ, जब बीजेपी और शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महिम सीट से अमित ठाकरे को महायूति का समर्थन देने का निर्णय लिया। वहीं, शिवसेना उम्मीदवार और मौजूदा विधायक सदा सरवणकर ने अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया है। बुधवार (30 अक्टूबर 2024) को उन्होंने राज ठाकरे से अनुरोध किया कि वे उनके साथ अन्याय न करें और अपना समर्थन दें।