Thursday, November 7, 2024
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अकबरुद्दीन ओवैसी ने फिर उगला ’15 मिनट’ वाला जहर, महाराष्ट्र की रैली में भीड़ बजाती रही ताली: समर्थन में जोर-शोर से नारेबाजी

अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा, "अरे भाई 15 मिनट बाकी है, सब्र करिए, न वो मेरा पीछा छोड़ रही है न मैं उसका पीछा छोड़ रहा हूँ। चल रही है मगर क्या गूंज है।" इसके बाद भीड़ उनका भाषण सुन जोर-जोर से चिल्लाती दिखती है जैसे उन्हें संदर्भ समझ आ गया हो।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी की वीडियो फिर से विवादों में है। इसमें उन्होंने अपने 15 मिनट वाले विवादित बयान को दोहराया है और भीड़ उनका उत्साह बढ़ाती दिख रही है।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान औरंगाबाद में अपना ’15 मिनट वाला’ विवादास्पद भाषण दिया। अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा, “अरे भाई 15 मिनट बाकी है, सब्र करिए, न वो मेरा पीछा छोड़ रही है न मैं उसका पीछा छोड़ रहा हूँ। चल रही है मगर क्या गूंज है।” इसके बाद भीड़ उनका भाषण सुन जोर-जोर से चिल्लाती, तालियाँ बजाती और 15 मिनट-15 मिनट के नारे लगाती दिखी जैसे उन्हें संदर्भ समझ आ गया हो।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद एक बार फिर ओवैसी की कट्टरपंथी मानसिकता पर सवाल उठ गया है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसे क्यों बरी किया था। कहा जा रहा है कि अकबरुद्दीन जैसे लोगों का इलाज सिर्फ सजा है

बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी ने साल 2012 में 15 मिनट वाला भड़काऊ बयान दिया था, तब उन्होंने कहा था कि देश से 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो तो पता चलेगा कौन ज्यादा ताकतवर है।

2012 का विवादित बयान

अपने बयान में अकबरुद्दीन ने कहा था, “ऐसे कई मोदी आए और चले गए। आज लोग कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात जीत लिया है और एक दिन वह देश के प्रधानमंत्री बनेंगे, हम भी देखेंगे कि ऐसा कैसे होता है। लोग मुसलमान को डरा रहे हैं। मोदी है, मोदी है, काहे का मोदी। एक बार हैदराबाद आ जाओ बता देंगे। तसलीमा नसरीन आई, कहाँ है किसी को नहीं मालूम। हम 25 करोड़ हैं, तुम 100 करोड़ है न… ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो… 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है। एक हजार क्या? एक लाख क्या एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो भी एक को पैदा नहीं कर सकते। और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते। जब मुसलमान भारी पड़ा तो यह नामर्दों की फौज आ जाती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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