Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीतिफडणवीस को सरकार बनाने का मिला मौका, 11 तक साबित करना होगा बहुमत

फडणवीस को सरकार बनाने का मिला मौका, 11 तक साबित करना होगा बहुमत

उद्धव ठाकरे ने हाल ही में प्रेस से बात करते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर हमला बोला था और कहा कि भरोसा दोनों ओर से ही खत्म हो चुका है- और वे 'अमित शाह एन्ड कम्पनी' पर कोई विश्वास नहीं कर सकते।

महाराष्ट्र की राजनीति ने एक बार फिर से करवट ली है। शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन लगभग टूट जाने के और देवेंद्र फडणवीस व  शिव सेना  के एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के बाद भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण मिला है।

आ रही मीडिया खबरों के मुताबिक राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के चलते सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा है। उनके पास परसों ( सोमवार, 11 नवंबर, 2019 को) तक विधानसभा के पटल पर फ्लोर टेस्ट पास करने (सदन में बहुमत साबित करने) का मौका होगा। फडणवीस कल ही (शुक्रवार, 8 नवंबर, 2019 को) राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे कर हटे हैं।

हाल ही में (21 अक्टूबर, 2019 को) हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिव सेना को क्रमशः 105 और 56 सीटें मिलीं थीं। 288 सदस्यों की विधानसभा में उनके पास बहुमत से काफी ज़्यादा का आँकड़ा था, लेकिन शिव सेना ने नतीजों की घोषणा वाले दिन (24 अक्टूबर, 2019) से ही घोषणा कर दी कि वह भाजपा के साथ सरकार तभी बनाएगी अगर उसे आधे मंत्रालय और ढाई साल के लिए सीएम के पद की लिखित गारंटी मिलेगी। उसने इसे चुनाव के ठीक पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का शिव सेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से वादा बताया।

साथ ही, शिव सेना के मुखपत्र सामना में जनादेश को भाजपा के अहंकार और दूसरी पार्टियों में तोड़फोड़ और भितरघात की कथित तौर पर अनैतिक राजनीति की हार बताया, बावजूद इसके कि सबसे ज़्यादा सीटें भाजपा को ही मिलीं थीं। दूसरी और भाजपा ने शिव सेना के लिए बातचीत के दरवाज़े खुले रखने की बात की लेकिन साफ कर दिया कि सीएम भाजपा का ही होगा क्योंकि उसकी सीटें अधिक हैं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और हालिया दौर में महाराष्ट्र में शरद पवार के बाद सबसे अनुभवी और शक्तिशाली क्षत्रप माने जाने वाले पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कल दावा किया कि ऐसी कोई डील कभी हुई ही नहीं थी।

इसके बाद फडणवीस ने कार्यवाहक सीएम पद से इस्तीफ़ा सौंपा और प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि यह दुःखद बात है कि उद्धव के पास एनसीपी और कॉन्ग्रेस से सौदेबाजी करने का समय है, लेकिन शिव सेना सुप्रीमो उनका फोन तक नहीं उठाते। इसके जवाब में उद्धव ने भी प्रेस से बात करते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर हमला बोला और कहा कि भरोसा दोनों ओर से ही खत्म हो चुका है- और वे ‘अमित शाह एन्ड कम्पनी’ पर कोई विश्वास नहीं कर सकते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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