नॉर्वे में इस्लाम के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोगों का आरोप है कि नॉर्वे का इस्लामीकरण हो रहा है। इस्लाम के ख़िलाफ़ हुई रैली में एक व्यक्ति ने कुरान जला दी, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। प्रदर्शन में लगे एक समूह के नेतृत्व कर रहे लार्स थोर्सन ने पवित्र कुरान की पुस्तक में आग लगा दी। इसके बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे गुट और इस्लाम समर्थक गुट के बीच जम कर झड़प हुई। ये घटना नार्वे के क्रिस्टियानालैंड की है। पुलिस ने ही इस्लाम विरोधी रैली की इजाजत दी थी। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कुरान जलाने की इजाजत माँगी, जिसे पुलिस ने अस्वीकार कर दिया।
इंटरनेट पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि जब थोर्सन कुरान जला रहे होते हैं, तब एक व्यक्ति उन पर अचानक से झपटता है और ऐसा करने से रोकता है। ये घटना शनिवार (नवंबर 16, 2019) की है। इसके बाद पुलिस ने दोनों के बीच चल रहे संघर्ष में हस्तक्षेप किया। पुलिस ने कुरान जलाने वाले थोर्सन और उनपर हमला करने वाले लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की चेतावनी के बावजूद कुरान को जला डाला। कुरान की एक प्रति को जलाया गया और 2 अन्य पुस्तकों को कूड़ेदान में डाल दिया गया।
Utterly condemn the desecration of the Quran in Norway & demand strict action against the criminals & terrorists. Has any Muslim ever desecrated the holy book of any other faith? Then why has Islam been consistently been targeted? https://t.co/lUtmrHNbUV #Norway #JummahMubarak
— Suhaib Saqib (@SuhaibSaqib1) November 22, 2019
प्रदर्शनकारियों ने इस्लाम को हिंसा का मजहब बताते हुए पैगम्बर मुहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक नारेबाजी की। जब थोर्सन ने कुरान जलाया, उसके बाद एक मुस्लिम व्यक्ति उन पर झपट पड़ा और उनकी पिटाई की। मुस्लिम व्यक्ति ने थोर्सन पर अंधाधुंध घूसे बरसाने शुरू कर दिए। थोर्सन ने कुछ दिनों पहले मुस्लिमों को ‘कुख्यात यौन व्यभिचारी’ बताते हुए कई पोस्टर्स बाँटे थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था। उन्हें 30 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।
Another Quran burning protest was held in Norway, and this time it took place in the largely-Muslim populated city of Kristiansand pic.twitter.com/76VZFY0xKE
— TRT World (@trtworld) November 20, 2019
नॉर्वे में मुस्लिम शरणार्थियों को लेकर हंगामा मचा हुआ है। नॉर्वे के कई लोगों का मानना है कि इस्लाम तानाशाही वाला मजहब है और जहाँ भी जाता है, वहाँ के लोकतंत्र और क़ानून की इज्जत नहीं करता। कई मुस्लिम नेताओं ने कहा कि कुरान जलाने की घटना के बाद उनकी और उनके समुदाय की भावनाएँ आहत हुई हैं।