Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिशायरी से श्राप तक: क्लर्क से संपादक और नेता बने संजय राउत ने जब...

शायरी से श्राप तक: क्लर्क से संपादक और नेता बने संजय राउत ने जब फैलाया था रायता, आज खुद फैल गए!

“जिस-जिस पर ये जग हँसा है, उसी ने इतिहास रचा है।” संजय राउत के इस ट्वीट के एक घंटे बाद देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली, और इस तरह महाराष्ट्र में राजनीति की तस्वीर बदल गई।

शिवसेना सांसद संजय राउत का ट्वीट उन्हीं पर उल्टा पड़ गया। राउत के ट्वीट के तकरीबन एक घंटे बाद ही महाराष्ट्र की रानीतिक तस्वीर बदल गई। राज्य में जारी सियासी गतिरोध के बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार (नवंबर 23, 2019) सुबह भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा, लेकिन उनके ट्वीट के एक घंटे बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए उसे पलट दिया। 

संजय राउत कभी क्लर्क थे, फिर एडिटर बन कर राजनीति में आए। पिछले कुछ दिनों से उन्होंने शायरी में भी जमकर हाथ आजमाए – रायता फैलाने की जिद तक। आज उनका खुद का रायता फैल गया!

बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कॉन्ग्रेस की सरकार का खाका तकरीबन तैयार हो चुका था। साथ ही बतौर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पर अनौपचारिक मुहर भी लग चुकी थी। हालाँकि स्पीकर समेत मंत्रालय बँटवारे का पेंच फंसा हुआ था, जिसे जल्दी ही सुलझाने की बात कही जा रही थी।

इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को ट्वीट कर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था, “जिस-जिस पर ये जग हँसा है, उसी ने इतिहास रचा है।” संजय राउत के इस ट्वीट के एक घंटे बाद देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली, और इस तरह महाराष्ट्र में राजनीति की तस्वीर बदल गई।

संजय राउत ने इससे पहले भी कई अन्य ट्वीट किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कभी शायरी पोस्ट किया तो कभी शायरी का सहारा लेकर श्राप तक दिया। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कभी-कभी कुछ रिश्तों से बाहर आ जाना ही अच्छा होता है। अहंकार के लिए नहीं…स्वाभिमान के लिए।”

एक अन्य ट्वीत में संजय राउत ने लिखा, हम बुरे ही ठीक हैं, “जब अच्छे थे तब कौन सा मेडल मिल गया था…!!!”

शिवसेना सांसद ने लिखा, “आहुति बाकी, यज्ञ अधूरा, अपनों के विघ्नों ने घेरा, अंतिम जय का वज्र बनाने, नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ।आओ फिर से दीया जलाएँ। अटल बिहारी वाजपेयी।”

राउत ने भाजपा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “अगर ज़िंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो, इरादे नहीं…! जय महाराष्ट्र।”

राउत ने शायराना अंदाज में बीजेपी पर निशाना साधते हुए हबीब जालिब की शायरी ट्वीट करते हुए लिखा था, “तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था। उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था :- हबीब जालिब”

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच राउत काफी शायराना मूड में नजर आ रहे थे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, “यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है। याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते- बशीर बद्र।”

संजय राउत ने ट्वीट किया, “बन्दे हैं हम उसके, हम पर किसका जोर, उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में महाराष्ट्र में शिवसेना के सरकार बनाने की तरफ इशारा करते हुए कहा था, “अब हारना और डरना मना है.. हार हो जाती है जब मान लिया जाता है। जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है।”

एक अन्य ट्वीट में भी उन्होंने सरकार बनाने को लेकर विश्वास दिखाते हुए लिखा, “लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती- बच्चन। हम होंगे कामयाब..जरूर होंगे…”

राउत ने एक ट्वीट में लिखा, “रास्ते की परवाह करूँगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी………!”

शिवसेना सांसद ने एक और शायरी ट्वीट किया था, “वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से… मैं ऐतबार न करता तो क्या करता…-वसीम बरेलबी।”

राउत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं, कमाल है कि फ़िर भी तुम्हें यक़ीन नहीं- दुष्यंत कुमार।”

संजय राउत ने दुष्यंत कुमार के एक और शायरी को ट्वीट किया था, “सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।”

राउत महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे थे और उन्होंने इसी विश्वास को दिखाते हुए एक और ट्वीट किया था, “उसूलों पर जहाँ आँच आए, टकराना ज़रूरी है, जो ज़िन्दा हो, तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है ….जय महाराष्ट्र।”

उन्होंने एक ट्वीट किया, “साहिब…मत पालिए, अहंकार को इतना, वक़्त के सागर में कई सिकन्दर डूब गए..!”

इसी तरह एक ट्वीट में कमल का फूल हाथ लिए शेर के कार्टून को शेयर करते हुए संजय राउत ने लिखा था, “व्यंग चित्रकाराची कमाल! बुरा न मानो दिवाली है…”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -