पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और उत्तराखंड के हरिद्वार जिलों में ज़हरीली शराब पीने से 102 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते दबाव के कारण दोनों ही राज्य की सरकारों ने शनिवार को कई जगह छापे मारे और 346 मामले दर्ज किए।
दोनों राज्यों में लगभग 10,000 लीटर से ज़्यादा अवैध शराब और 75,000 किलो से ज़्यादा लहन पकड़ी गई। छापेमारी के दौरान 184 लोग गिरफ़्तारी के बाद जेल भेजे जा चुके हैं। मरने वालों में 70 सहारनपुर और 32 हरिद्वार जिले के हैं।
एक तरफ जहाँ इन घटनाओं से प्रदेश में दहशत फैली हुई है और प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ था, वहीं मौके का फ़ायदा उठाते हुए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले पर भी एक संवेदनहीन बयान दिया था। ज़हरीली शराब के कारण लगातार हो रहीं मौतों के बीच अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए इन मौतों का ज़िम्मेदार मुख्यमंत्री योगी और उनकी सरकार को बताया था।
अखिलेश के बयान पर बात करने से पहले बता दें कि कुछ दिनों पहले यूपी सरकार ने पूरे राज्य में गोशालाएँ बनाने के लिए गौ कल्याण उपकर (सेस) लगाने का फ़ैसला किया था। इसके तहत 0.5 प्रतिशत सेस शराब के अलावा यह ‘कर’ उन सभी वस्तुओं पर है, जो उत्पाद कर के दायरे में आती हैं। लेकिन अखिलेश ने सरकार के फैसले को अपने बयान के साथ खूब तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
अखिलेश ने लखनऊ स्थित सपा के दफ्तर में कहा कि योगी सरकार ने शराब पर गौ कल्याण टैक्स लगाया है। सरकार ने लोगों को लालच दिया है कि गाय सेवा सिर्फ़ तभी अच्छी होगी जब लोग शराब ज्यादा पिएँगे। अखिलेश का कहना है कि ग़रीब को नहीं पता है कि उसे कौन-सी शराब पीनी है। लेकिन सरकार को सब पता है, शराब पीने वालों को बढ़ाना चाहती है। उनका मानना है कि सरकार को यह भी पता है कि कौन ऐसी ज़हरीली शराब बना रहा है।
अखिलेश यादव के ऐसे बयानों को सुनकर लगता है कि योगी सरकार पर लगातार किसी भी मामले में, किसी भी तरह से आरोप लगाने वाले पूर्व सीएम अपना समय भूल गए हैं। योगी सरकार पर उँगली उठाने वाले अखिलेश भूल रहे हैं कि उनके राज में उन्नाव और लखनऊ में 33 लोगों की मौतें ज़हरीली शराब पीने से हुई थी। इसके बाद तात्कालीन सरकार और प्रशासन की ओर से काफ़ी बड़े-बडे़ दावे भी किए गए थे।
ऐसे में अखिलेश का इस मामले पर योगी सरकार को घेरना बेहद शर्मनाक है क्योंकि अखिलेश भी ऐसी स्थिति का सामना अपने शासनकाल में कर चुके हैं। जिनका सामना आज योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है। अगर कोई शख़्स अपने घर पर शराब पी ले और उसे कुछ हो जाए तो उसकी ज़िम्मेदारी राज्य की नहीं होती। स्थिति को सुधारने पर बात करने से ज़्यादा अखिलेश का सरकार पर आरोप मढ़ना दर्शाता है कि वो सिर्फ़ मौक़ापरस्त राजनीति को हवा दे रहे हैं।