जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 निष्क्रिय किए जाने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच के संबंधों में और अधिक कड़ुआहट आ गई थी। वैश्विक स्तर पर प्रयास करने के बाद भी कश्मीर मामले में असफल हुए पाकिस्तान ने फैसला कर लिया था कि वो अब भारत से सभी कारोबारी रिश्ते तोड़ देगा। लेकिन कश्मीर मामला शांत हुए अभी कुछ समय ही बीता है कि पाकिस्तान की अपने ही फैसले पर अकड़ ढीली पड़ गई और कुछ ही महीनों में इमरान सरकार ने भारत से पोलियो मार्कर आयात करने का फैसला ले लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार (दिसंबर 24, 2019) को प्रधानमंत्री इमरान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वह भारत से पोलियो मार्कर की खरीदारी करेगा। बताया जा रहा है कि कश्मीर मुद्दा तूल पड़ने से पहले पाकिस्तान ने भारत से 80 हजार मार्कर्स खरीदने का समझौता भी किया था। लेकिन कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी होने के बाद दोनों देशों में खटास बढ़ गई और भारत से व्यापार प्रतिबंध के चलते उसने चाइना से माल लेने का फैसला किया। मगर, वहाँ के मार्कर्स की घटिया क्वालिटी देखते हुए उसे भारत की मदद लेनी पड़ी।
A country which isn’t capable of making a Polio Marker on their own is dreaming to BREAK India. ??
— Raj | राज | ರಾಜ್ | రాజ్ | راج (@rgis1369) December 25, 2019
“The federal cabinet of Pakistan decided to give a one-time permission for import of polio markers from India and reduce prices of 89 medicines by 15%.”https://t.co/6IqA3i1Nni pic.twitter.com/7KEFJIL3A2
इसकी जानकारी खुद पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन अभियान के प्रमुख राणा सफदर ने दी। उन्होंने इस विषय में सूचना देते हुए बताया कि चीनी मार्कर्स न सिर्फ काफी महंगे थे, बल्कि इनकी क्वॉलिटी भी खराब थी। ऐसे में छोटे बच्चे कई बार मार्कर लगी उँगली मुँह में रख लेते हैं, जो उनके लिए खतरनाक हो सकता है। भारतीय मार्कर इस लिहाज से सुरक्षित यानी नॉन टॉक्सिक हैं, जबकि चीनी उत्पादों के साथ ऐसा नहीं था। इसकी शिकायत चीन सरकार से की गई तो उसने गुणवत्ता सुधारने का भरोसा दिया। लेकिन, अब पाकिस्तान ने इन्हें भारत से खरीदने का फैसला किया है।
कहा जा रहा है कि इमरान खान की कैबिनेट ने भारत से पोलियो मार्कर के आयात के लिए वहाँ की कंपनियाँ और स्वास्थ्य विभाग को सिर्फ़ एक बार अनुमति देने का निर्णय लिया है, क्योंकि इससे कम से कम 89 दवाओं की कीमतों में 15 फीसद की कमी आएगी।
बता दें कि पोलियो की दवा पिलाने के बाद से बच्चों के उंगलियों पर मार्कर से निशान लगाया जाता है। ये मार्कर विशेष होते हैं जिससे बच्चों के उंगलियों पर इसका बुरा असर नहीं होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने केवल भारत और चीन को पोलियो मार्कर के उत्पादन के लिए अधिकृत किया है। ऐसे में चीन के मार्कर की घटिया क्वॉलिटी को देखते हुए पाकिस्तान के पास भारत को छोड़कर किसी अन्य देश से खरीदने का विकल्प नहीं बचा है।