कॉन्ग्रेस की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी का सदस्यता अभियान गोवा में बुरी तरह विफल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में केवल 2600 लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली है। 15 जनवरी तक यहॉं 2 लाख लोगों को सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया था। यह बात ऐसे वक्त में सामने आई है, जब पिछले ही हफ्ते चार नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
गोवा में कॉन्ग्रेस इस समय सदस्यता अभियान एक एप के जरिए चला रही है। इसके तहत वोटर कार्ड सहित लोगों के अन्य विवरण लिए जा रहे हैं। यह ‘शक्ति एप’ का अपग्रेडेड वर्जन जैसा है। शक्ति एप कॉन्ग्रेस के डाटा एनालिटिक्स हेड प्रवीण चकवर्ती ने 2019 के आम चुनावों से पहले शुरू किया था और कॉन्ग्रेस समर्थकों और उसे मिलने वाली सीटों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। दिलचस्प यह है कि इसके अपग्रेडेड वर्जन में भी आँकड़े बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जा रहे है। कॉन्ग्रेस के एक सूत्र ने द प्रिंट को बताया कि आधिकारिक तौर पर सदस्यता के आँकड़े 6,000 से 7,000 तक बताए जा रहे। लेकिन, वास्तव में यह संख्या 2,600 के करीब है।
Talking to reporters, Amonkar accused the #Congress of trying to "mislead the public, especially minorities," on the new #CitizenshipAmmendmentAct lawhttps://t.co/HphoG7m1hi
— Firstpost (@firstpost) January 2, 2020
इससे पहले चार नेताओं ने सीएए पर कॉन्ग्रेस के स्टैंड का विरोध करते हुए पार्टी छोड़ दी थी। इनमें से तीन ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इन नेताओं ने पार्टी पर नागरिकता कानून को लेकर जनता, खासकर मुसलमानों को बरगलाने का आरोप लगाया था। पिछले साल जुलाई में गोवा में कॉन्ग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा था। 15 विधायकों में से दो तिहाई यानी 10 सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो गए थे।