दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) पिछले कुछ दिनों से ग़लत कारणों से चर्चा में है। विश्वविद्यालय में हुई हिंसा ने बहुत से लोगों को चौंका दिया था। वामपंथियों ने इस हिंसा का प्रयोग युवाओं को जुटाने और देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा फैलाने के लिए किया था। वामपंथियों ने JNU में हुई हिंसा के पीछे साफ़ तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का हाथ बताया था। लेकिन, खबरों के मुताबिक वामी गुंडों ने इस हिंसा को शुरू किया था। जिसके बाद वामपंथी, कॉन्ग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियाँ JNU के बहाने ABVP पर हमलावर हो रही हैं।
मंगलवार (7 जनवरी, 2020) को पुणे स्थित ABVP के कार्यालय पर हमला किया गया। हमलावरों ने ABVP ऑफ़िस के बाहर लगे बोर्ड को काली स्याही से रंग दिया। बाद में खुलासा हुआ कि हमलावर राष्ट्रवादी छात्र कॉन्ग्रेस के नेता और शरद पवार की राकांपा के छात्रसंघ अध्यक्ष थे।
एक फेसबुक पोस्ट में विशाल मोर नाम के व्यक्ति ने ख़ुद को NCP का शहर अध्यक्ष और NCP पुणे का अध्यक्ष बताते हुए उसने ख़ुद इस हमले की जिम्मेदारी ली। साथ ही ABVP ऑफिस पर हमले में शामिल अपने फ़ोटो को फेसबुक पर शेयर भी किया।
NCP वर्तमान में शिवसेना और कॉन्ग्रेस के साथ महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में है। शक्ति प्रदर्शन में एक राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा इस तरह का हमला और तोड़फ़ोड़ बेहद निंदनीय है और हमें कोई उम्मीद भी नहीं कि महाराष्ट्र सरकार इन गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी क्योंकि वे तो अपने हैं। लेकिन हम आशा करते हैं कि राष्ट्र, ABVP के समर्थन में और इन गुंडों के खिलाफ भी खड़ा है जो कि सत्ता की सह पाकर इस तरह की हिंसा करते हैं।