आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के आरोपित ने अपनी जमानत की ऐसी वजह बताई कि उच्च अदालत को भी सोचना पड़ गया। 35 वर्षीय राष्ट्रीय स्यवं सेवक संघ (आरएसएस) नेता रुद्रेश की हत्या के आरोपित वसीम अहमद ने बेंगलुरू के परप्पन जेल और विक्टोरिया अस्पताल में वेस्टर्न टॉयलट नहीं होने का आधार बनाकर जमानत के लिए अनुरोध किया था। वसीम अहमद ने NIA की स्पेशल कोर्ट में अपने बाएँ घुटने में परेशानी की बात कही थी और कहा था कि उसे ‘इंडियन टॉयलट’ में बैठने पर परेशानी होती है इस कारण उसके इलाज के लिए जमानत दी जाए। लेकिन, स्पेशल कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उसने फरवरी 06, 2019 को हाईकोर्ट से गुहार लगाई।
वसीम ने कहा कि उसे घुटने की सर्जरी की सख्त जरूरत है और विक्टोरिया अस्पताल में भी वेस्टर्न कमोड नहीं है। लिहाजा, उसे जमानत दी जाए, ताकि वह निजी खर्च पर प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सके। हाईकोर्ट ने विक्टोरिया अस्पताल के साथ-साथ जेल में वेस्टर्न कमोड होने की तफ्तीश कराई और अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। बाद में इस बात की पुष्टि हुई कि दोनों जगहों पर वेस्टर्न कमोड से लैस टॉयलट मौजूद थे। जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने वसीम की जमानत याचिका खारिज कर दी।
यदि परप्पन अग्रहारा केंद्रीय कारागार और विक्टोरिया अस्पताल में वेस्टर्न टॉयलट नहीं होते तो शायद वसीम को जमानत मिल जाती। मीडिया के अनुसार, जिस जेल में वसीम अहमद बंद है, उसकी बैरकों और ब्लॉक में 10 के करीब टॉयलट हैं। वहीं, अस्पताल के वार्ड में भी चार वेस्टर्न टॉयलट हैं। जस्टिस केएन फनींद्र और जस्टिस नटराजन ने एनआईए की विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अधिकारियों को आरोपित वसीम को इलाज संबंधी सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकारी वकील के मुताबिक यह कोई साधारण मामला नहीं है, वसीम अहमद पर आतंक जैसे गंभीर आरोप भी हैं। गौरतलब है कि अक्टूबर 16, 2016 को ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के सदस्य वसीम अहमद ने मामले में सह-अभियुक्त मोहम्मद सादिक के साथ मिलकर RSS कार्यकर्ता रुद्रेश की बीच सड़क पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी। रुद्रेश उस वक्त आरएसएस की वर्दी में थे और अपने दोस्त के साथ शिवाजीनगर के एक मेडिकल स्टोर पर खड़े थे। अदालत में एनआईए ने कहा था कि वसीम ने रुद्रेश की बेरहमी से हत्या करने के बाद भड़काऊ नारेबाजी भी की थी, उसने आरएसएस नेता की हत्या इसलिए की ताकि हिन्दुओं में डर पैदा हो सके।