मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार (फरवरी 21, 2020) को एक स्कूल वैन ड्राइवर को पाँच साल की बच्ची के साथ छेड़-छाड़ करने के मामले में दोषी ठहराया और पाँच साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी शबीब मोमिन के ऊपर 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जो कि उसे पीड़ित बच्ची के परिवार को देना है।
यह घटना 2017 की है। शबीब मोमिन ने तब मुंबई के बांद्रा में बच्ची के साथ छेड़-छाड़ की थी। स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए शबीब को पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 10 और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत दोषी पाया। जिसके बाद उसे यह सजा सुनाई गई।
सरकारी वकील गीता शर्मा ने पीड़िता का पक्ष रखते हुए कहा कि बच्ची अमूमन 5 बजे तक घर आ जाया करती थी। उसकी माँ ने बताया कि मगर 27 मार्च 2017 को बच्ची ने उन्हें बताया कि मोमिन ने बस के सारे बड़े बच्चों को स्कूल के पास उतार दिया और फिर वैन में आकर उसके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ।
पीड़िता ने अपनी माँ को बताया कि ऐसा मोमिन ने उसके साथ कई दफा किया। वह अक्सर पीछे वाली सीट पर आकर बैठ जाता था और बच्चों को दूसरी तरफ देखने के लिए कह कर उसे गलत तरीके से छूता था। इसके साथ ही वो बच्ची को धमकी भी देता था कि अगर उसने ये बात किसी को बताई तो वो उसकी माँ और दादी माँ को मार डालेगा। ये सुनकर बच्ची सहम जाती थी और इसी डर की वजह से उसने चुप्पी साध रखी थी।
पीड़िता की माँ ने बताया कि एक दिन उसकी बेटी रोते हुए स्कूल से आई। कारण पूछने पर उसने बताया कि मोमिन ने उसके साथ फिर से वही हरकत और मार-पीट की। इसके बाद पीड़िता की माँ मोमिन से इस बारे में बात करने गई तो वो वैन से भाग गया। इसके बाद उन्होंने ब्रांदा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद मोमिन ने खुद को दिल का मरीज बताते हुए जमानत की अर्जी लगाई थी। उसने 2017 में स्पेशल कोर्ट में कहा था कि स्कूल की फीस जमा न करने को लेकर उसे झूठे केस में फँसाया जा रहा है। हालाँकि स्पेशल कोर्ट ने मोमिन की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके बाद मोमिन ने हाईकोर्ट का रुख किया। मगर हाईकोर्ट ने भी यह कहकर उसकी याचिका खारिज कर दी कि उसने एक नाबालिग के साथ छेड़-छाड़ करके उसके पेरेंट्स के विश्वास का फायदा उठाया है। बच्ची के पेरेंट्स ने वैन ड्राइवर पर भरोसा करके बच्ची को स्कूल भेजा था, लेकिन उसने उसका गलत फायदा उठाया।