कोलकाता के रबींद्र भारती विश्वविद्यालय की तरह मालदा की चार छात्राओं ने रबींद्र नाथ ठाकुर के गीत को विकृत करके अश्लील विडियो बनाया। यह मामला मालदा के बारलो गर्ल्स हाई स्कूल की है। विडियो स्कूल परिसर में बनाया गया है, जिसमें स्कूल ड्रेस में छात्राओं को अश्लील गीत गाते देखा जा सकता है। देखते ही देखते यह विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आरोपित छात्राएँ 11वीं क्लास की हैं।
इस संबंध में आरोपित चारों छात्राओं के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर उनके सामने ही छात्राओं से माफीनामा लिखाया गया। माफीनामा देने के बाद ही इन छात्राओं को 11वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। हालाँकि स्कूल की प्रधानाध्यापिका की तरफ से कहा गया है कि इन छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर स्कूल प्रबंधन समिति विचार करेगी।
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— anjubhabi (@Anjalibhatt123) March 6, 2020
रबींद्र नाथ टैगोर की मूल रचना का हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार है: “जब मैं अपने ज्ञात मार्ग पर टहल रहा था, रात के आकाश में चंद्रमा निकल रहा था… तभी हम उस पल की दिव्यता के बारे में जाने बिना मिले थे।” इसका अंग्रेजी अनुवाद यह है – “While I was strolling on my known path, the Moon had risen to the night sky… That was when we met without knowing about the divinity of the moment.”
हालाँकि, टैगोर के गीत की अश्लील पैरोडी, जो छात्राओं ने विडियो में गाया है, उसका हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार है: “रात में आकाश के नीचे जहाँ हम चल रहे थे, किसी एक जगह पर पुरुष लिंग के द्वारा हमारे साथ संभोग किया गया। जब यह सब हो रहा था, पड़ोस के एक चाचा ने हमारे संभोग क्रिया को देखा। बहन#द! हमने एक जगह पर पुरुष लिंग के साथ संभोग किया।” जबकि अंग्रेजी अनुवाद कुछ यूँ है : “On our way under the night sky, we were fuced by a dik at one place. All this while, an uncle from the neighbourhood watched us fuk. Sister fucer! We fuced a di*k at one place. (3) ”
प्रधानाध्यापिका दीपश्री मजूमदार ने बताया कि छात्राओं ने अपनी की गई गलती को लेकर माफी माँगी है। उन्होंने कहा, “हमसे भूल हो गई। हम नहीं सोचे थे कि बात इतनी बढ़ जाएगी। हमें माफ कर दीजिए।” बाद में छात्राओं से लिखित माफीनामा लेकर प्रधानाधयापिका ने परीक्षा में बैठने की अनुमति दी।
दीपश्री मजूमदार ने कहा कि चारों छात्राओं व उनके अभिभावकों के साथ बंद कमरे में बैठक की गई। बैठक में कई शिक्षक भी मौजूद थे। छात्राओं ने वचन दिया कि भविष्य में इस तरह का अपराध दोबारा नहीं करेंगी। प्रधानाध्यापिका ने कहा कि छात्राओं ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उसे कोई सभ्य व्यक्ति मुँह से भी नहीं निकाल सकता है। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने भी इस घटना की निंदा की है।
गौरतलब है कि इससे पहले होली उत्सव के दौरान रबींद्र भारती विश्वविद्यालय की छात्राओं ने अपनी पीठ पर रबींद्र नाथ ठाकुर के गीत को विकृत कर लिखा था। इसमें बेहद अश्लील शब्द लिखे गए थे। रबींद्र नाथ से जुड़े इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय में अश्लीलता करने को लेकर सवाल खड़े हुए थे और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की माँग की गई थी। लोगों का कहना था कि रबींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखे गए गीत आज पूरी दुनिया में मशहूर हैं। उनसे जुड़े संस्थान में इस तरह के अश्लील गीत बजाने और अश्लील नृत्य ने बंगाल को अपमानित किया है।