एक ओर जहाँ भारतीय मीडिया और तथाकथित लिबरल वर्ग गाय और गोमूत्र पर चुटकुले बनाते हुए देखा जाता है, वहीं कोरोना के इलाज के लिए माबुद अली नाम का एक मुस्लिम युवक चुपचाप देश के एक कोने में गोमूत्र बेचकर अपनी आजीविका चलाने का काम कर रहा है। हालाँकि ‘बिजनेस इनसाइडर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
माबुद अली नाम का यह व्यक्ति दिल्ली और कोलकाता को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर टेबल पर गोबर के पैकेट और जार में गौमूत्र रखकर बेच रहा था। हालाँकि, अगर दी क्विंट जैसे हिन्दुफोबिया से ग्रसित प्रोपेगेंडा वेबसाइट की मानें तो माबुद अली का कहना है कि उसे यह विचार दिल्ली में हिन्दू महासभा द्वारा आयोजित गौमूत्र पार्टी से मिला है।
ऐसे समय में यह देखना जरूरी है कि जब कोरोना वायरस कि महामारी से लोग अपनी जान गँवा रहे हैं, दी क्विंट जैसे संस्थान हिन्दुओं के उपहास के अपने एजेंडा के साथ कोई समझौता नहीं कर रहे हैं। माबुद अली महामारी के दौरान अफवाह और गलत जानकारी शेयर कर जिस अपराध को कर रहा है, क्विंट उसका श्रेय हिन्दुओं को देने का प्रयास कर रहा है।
दरअसल, हाल ही में चक्रपाणि महाराज नाम के एक व्यक्ति ने खुद को हिन्दू महासभा का अध्यक्ष बताते हुए कोरोना से निपटने के लिए गोमूत्र पार्टी का आयोजन करवाया था। सोशल मीडिया पर चक्रपाणि महाराज पर यह भी आरोप लगाए गए कि उसे किसी हिन्दू विरोधी दल द्वारा ऐसा करने के लिए उकसाया जा रहा है और उसकी मदद कि जा रही है और उसका हिन्दू महासभा से कोई लेना-देना नहीं है। काशी विद्वत परिषद ने भी ऑपइंडिया से बातचीत में चक्रपाणि महाराज नाम के इस व्यक्ति के हिन्दू विरोधी राजनीति का मोहरा होने की बात स्वीकारी है।
माबुद अली ने अपनी टेबल पर एक पोस्टर चिपकाया है, जिस पर लिखा है, “गौमूत्र पिएँ और कोरोना वायरस से बचें।” मीडिया के अनुसार, अली ने कहा, “मेरे पास दो गायें हैं, एक भारतीय और दूसरी जर्सी। मैं अपना जीवन-यापन दूध बेचकर करता हूँ। जब मैंने टीवी पर गौमूत्र पार्टी देखी तो मुझे लगा कि मैं भी गौमूत्र और गोबर बेचकर पैसे कमा सकता हूँ। अब मैं गाय के हर हिस्से का उपयोग अपने बिजनेस में कर सकता हूँ।” मीडिया कि मानें तो माबुद अली ने यह भी कहा कि जर्सी गाय भारतीय गाय की तरह शुद्ध नस्ल नहीं है, इसलिए उसके मूत्र का ज्यादा डिमांड नहीं है।