पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा उससे छीन लिया था और अपने माल पर आयात शुल्क भी बढ़ा दिया था। वहीं भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से आयात को एक महँगा सौदा बताया। नतीजतन, भारतीय व्यापारी पाकिस्तानी सामान ख़रीदने से बच रहे हैं और इसी के परिणामस्वरूप आवागमन के लिए माल ले जाने वाले ट्रकों की लंबी लाइन वाघा सीमा पर लग गई है।
बता दें कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के सामान पर कस्टम ड्यूटी 200 फ़ीसद कर दी है इसी के फलस्वरूप पाकिस्तान के सामान से लदे क़रीब 150 ट्रक वाघा सीमा पर फँसे हुए हैं। इन ट्रकों को 16 फ़रवरी को भारत में आना था, लेकिन कस्टम ड्यूटी के बढ़ जाने से भारतीय आयातकों ने पाकिस्तान के सामान को लेने से मना कर दिया है।
ऐसे में पाकिस्तान को अब आर्थिक रूप से नुक़सान उठाना पड़ेगा, वो इसलिए क्योंकि पाक कारोबारियों के लिए वाघा (पाकिस्तान) में खड़े ट्रकों को वापस मँगवाना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए कारोबारियों को अपने देश में कई आवश्यक औपचारिकताओं से गुज़रना पड़ता है।
एक अनुमान के अनुसार भारत-पाक स्थित इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी पर पिछले 9 दिनों में क़रीब ₹450 करोड़ के कारोबार पर प्रभाव पड़ा है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इन व्यापारियों में भारत के वो व्यापारी भी शामिल हैं जिन्हें कई दिक़्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे पाक से सीमेंट मँगवाने के लिए पाकिस्तान के व्यापारियों को पेमेंट का भुगतान एडवांस में किया जाता है। ऐसे कई व्यापारी हैं जो पहले से ही भुगतान कर चुके हैं और वो सामान फ़िलहाल पाक में ही है।
वाघा सीमा पर पाकिस्तानी व्यापारियों का सामान जिसमें छुहारा, सीमेंट और जिप्सम आदि के लगभग 150 ट्रक कतार में खड़े हैं तो वहीं भारतीय व्यापारी भी अपने कारोबार को लेकर चिंतित है।
ख़बरों के मुताबिक, इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी पर हिंद मज़दूर सभा के सदस्य इस मसले पर आने वाले कुछ दिनों में कोई बड़ा क़दम उठा सकते हैं। ऐसी उम्मीद है कि वो या तो जेसीपी (ज्वॉइंट चेक पोस्ट) अटारी पहुँचने वाले सैलानियों को रीट्रीट सेरेमनी में जाने रोकने का काम करेंगे या फिर राजधानी दिल्ली में लाहौर बस का घेराव करेंगे। सरकार ने इस बात को गंभीर लेते हुए जेसीपी अटारी पर BSF ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम कर दिए हैं।