प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के खतरों के मद्देनज़र लगातार लोगों से सीधा संपर्क कर रहे हैं। सबसे पहले तो उन्होंने 2 बार राष्ट्र को सम्बोधित किया। उसके बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनका हालचाल जाना। कई डॉक्टरों और प्रोफ़सरों सहित विदेश से लौटे लोगों से भी पीएम ने संवाद किया। देश भर के कई रेडियो जॉकी से बात कर पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने की अपील की। इसका सकारात्मक असर भी हो रहा है और लोगों को ऐसा महसूस हो रहा है कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है।
इसी क्रम में पीएम मोदी ने एक नर्स से बात की और पूछा कि वो कोरोना मरीजों का डर कैसे दूर करती हैं? उन्होंने पुणे के नायडू हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स छाया से बातचीत की। छाया ने बताया कि उनका पूरा हॉस्पिटल प्रधानमंत्री को सलाम करता है, क्योंकि उन्होंने इतने छोटे हॉस्पिटल को फोन कर के हालचाल जाना और चीजों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री से नर्स ने कहा कि वो तो एक हॉस्पिटल में ड्यूटी कर रही हैं, लेकिन आप तो 24 घंटे पूरे देश की सेवा में लगे हुए हैं। अचानक पीएम का फोन आने से नर्स की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।
PM calling up and speaking to Nurse Chhaya, Naidu Hospital PUNE to express his gratitude but what Chhaya saying listen carefully “आप तो हमारे देवता है, पूरे देश को तुम्हारे जैसा प्रधानमंत्री ही चाहिए”#CoronaLockdown #coronaupdatesindia #Corona pic.twitter.com/nzsQ94rleB
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbhaABP) March 28, 2020
पीएम मोदी से नर्स छाया ने कहा कि वो देवता की तरह हैं और दुनिया के सभी देशों को उनके जैसा प्रधानमंत्री मिले। पीएम मोदी ने छाया को उनकी भावनाओं के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वो जो भी कर रहे हैं, वो उनका कर्तव्य है। पीएम ने वुहान से लौटे एक कश्मीरी मेडिकल छात्र से भी बातचीत की और कहा कि युवाओं को अन्य लोगों से बात कर के कोरोना के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। छात्र निजाम ने वुहान से वापस लाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
Prime Minister Narendra Modi yesterday called up Kashmiri Student,Nizam,who was among the 60 Kashmiri students rescued from the epicentre(Wuhan,China) of the Virus that has destroyed the world. pic.twitter.com/O7RfYnKMaz
— Khalid Baig (@KhalidBaig85) March 28, 2020
निज़ाम ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा लॉकडाउन की घोषणा जनहित में की गई है और सभी को इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे और उनके सभी साथी चीन में फँस गए थे, जहाँ से भारत सरकार ने उन्हें वापस निकाला। निज़ाम ने बताया कि वहाँ से लौटे सभी कश्मीरी छात्रों को काफ़ी अच्छे तरीके से रखा गया था, जिसके लिए वो प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं। सभी छात्रों को अच्छी सुविधाएँ दी गईं।