21 दिनों के लॉकडाउन का तय दिशा-निर्देशों के तहत पालन करने वाला भारत का नागरिक इस उम्मीद में है कि जब वह दोबारा बाहर आजादी से सड़कों पर निकलेगा तो उसे संक्रमण रहित वातावरण मिलेगा। मगर, मजहब के नाम पर देश को महासंकट में डालने वाले चंद कट्टरपंथियों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वे सब कुछ जानते-समझते हुए परिस्थितियों को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं। दिल्ली में निजामुद्दीन का मामला देखिए। यहाँ तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सैंकड़ों लोग पहुँचे थे और कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी मस्जिद में रुके रहे। लेकिन इसकी जानकारी किसी ने पुलिस या प्रशासन को नहीं दी।
नतीजतन, थोड़े दिनों में इलाके में कोरोना के लक्षण वाले मामले दिखने लगे। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रशासन ने जब सूचना मिलते ही आवश्यक कार्रवाई करनी चाही, तो वहाँ के स्थानीय लोगों ने उनका साथ नहीं दिया और कड़ा विरोध करके एंबुलेंस को ही इलाके से लौटा दिया। बाद में जब मामला नियंत्रण से बाहर हो गया, तो डॉक्टरों की टीम को सहयोग करना शुरू किया गया। लेकिन पूरा मामला खुलासा होने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या उस समय जब स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस की गाड़ी लौटाई, तब क्या ये लोग इन लोगों को छिपाने का प्रयास कर रहे थे।
निजामुद्दीन में दो दिन पहले से पाए जाने लगे थे कोरोना के संदिग्ध, इलाके के लोगों ने लौटा दी थी एंबुलेंस #Coronaindia #NizamuddinMarkaz https://t.co/dyn9ti12xc
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) March 31, 2020
गौरतलब कि हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत कई देशों के करीब 2500 से अधिक लोगों ने 1 से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लिया था। जिनका पता लगने के बाद से पूरे इलाके की कड़ी निगरानी की जा रही है और हर संदिग्ध को अस्पताल में एहतियात के तौर पर भर्ती किया जा रहा है। इनमें से 24 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकल आई है। जबकि 860 लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया जा चुका है और 300 लोग और भी अस्पताल भेजे जाने हैं।
With the help of the Health Department around 860 people have been shifted from Markaz building, Nizamuddin to hospitals. Around 300 more people are yet to be evacuated: Delhi Police sources #Coronavirus pic.twitter.com/fnLMwRRKS9
— ANI (@ANI) March 31, 2020
बता दें कि दिल्ली में सोमवार को 25 और नए मरीज सामने आए थे। इनमें 18 कोरोना पीड़ित निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले निकले। आज के 24 लोग अब इस संख्या में और जुड़ गए। मतलब दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव के हालिया मामले में से 50% से ज्यादा मामले सिर्फ इस एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग हैं। अब इन्हीं बिंदुओं को देखते हुए हजरत निजामुद्दीन के इस मरकज पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। हालाँकि, मरकज में अपनी सफाई में कहा है कि वह लगातार प्रशासन के संपर्क में है।