पश्चिम बंगाल के एक डॉक्टर को सरकार से शिकायत करने की सज़ा दी गई। कैंसर स्पेशलिस्ट इंद्रनील ख़ान ने शिकायत की थी कि पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में डॉक्टर रेनकोट पहन कर अपना कार्य करने को विवश हैं। यहाँ तक कि वहाँ के डॉक्टरों को घटिया गुणवत्ता वाले मास्क पहनने को मजबूर होना पड़ रहा है। चूँकि कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी पहली पंक्ति में हैं, इसीलिए उनके संक्रमित होने का ज्यादा ख़तरा है। ऐसे में उन्हें ज़रूरी संसाधन और उपकरण न मुहैया कराया जाना ममता बनर्जी की सरकार की ग़लती है। इसी ग़लती को डॉक्टर ख़ान ने उजागर किया।
डॉक्टर ख़ान ने सीधा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुहार लगाई कि अगर स्थिति संभाली नहीं गई तो इससे बड़ी तबाही हो सकती है। उनकी इस शिकायत के बाद पश्चिम बंगाल के ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग’ ने डॉक्टर ख़ान को इस मुद्दे को हाइलाइट करने के लिए धन्यवाद दिया। विभाग ने बताया कि डॉक्टरों को माइक्रो-फाइबर से बने ‘पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट’ देने की व्यवस्था की जा रही है, जो सभी मानकों पर खड़ा करें। इसके बाद डॉक्टर ख़ान ने विभाग को उनकी शिकायत सुनने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कर्मचारी व डॉक्टर्स सबसे ज्यादा कोरोना की जद में हैं, ऐसे में उनके लिए ये व्यवस्थाएँ होनी चाहिए।
अब ख़बर आई है कि ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर इंद्रनील ख़ान को रातोंरात माहेस्थाला पुलिस उठा कर ले गई और उन्हें हिरासत में रख लिया गया। कहा जा रहा है कि सरकार की खामियों को उजागर करने की उन्हें सज़ा दी गई है। बता दें कि चीन में जिन भी डॉक्टरों या प्रबुद्ध जनों ने कोरोना वायरस को लेकर आवाज़ उठाई थी, उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। कइयों को तो गायब भी कर दिया गया था। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने डॉक्टर ख़ान के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने का विरोध किया है।
Dr Indranil Khan, a reputed Oncologist, raised the issue of sub-standard PPE gears for doctors and nurses in WB. While the state health dept acknowledged it, he was picked up by Maheshtala police station and detained illegally overnight at the Zinzira Bazar Investigation Center.. pic.twitter.com/5isBQM2gJy
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 31, 2020
कहा जा रहा है कि डॉक्टर ख़ान को जिंजीरा बाजार इन्वेस्टीगेशन सेंटर में हिरासत में लेकर रखा गया। उन्हें रविवार (मार्च 29, 2020) को रात 9:30 बजे उठाया गया और रात 2 बजे तक हिरासत में रखा गया। साथ ही उनका फोन सीज कर लिया गया। मालवीय ने आरोप लगाया है कि गंभीर रूप से बीमार उनके कैंसर मरीजों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है। बता दें कि सोमवार को उनके ट्विटर हैंडल से पश्चिम बंगाल सरकार की तारीफ़ में ट्वीट किया था। मालवीय का आरोप है कि उन्हें इसी शर्त पर छोड़ा गया कि वो ममता सरकार की तारीफ़ करें।
Dr Indranil Khan posted (pic 1,2,3), highlighting how frontline health workers were given raincoats instead of appropriate medical gears, following which he was picked up and victimised…
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 31, 2020
He was let off after he posted a tweet effusively praising West Bengal government. (pic 4) pic.twitter.com/boSpsxuyZd
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना के अब तक 26 मामले सामने आ चुके हैं और उनमें से 4 की मृत्यु हो चुकी है। कुल 22 सक्रिय मामले अभी भी मौजूद हैं। इनमें से किसी को भी ठीक नहीं किया जा सका है। ऐसे में तृणमूल कॉन्ग्रेस की सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने की बजाए खामियों की तरफ ध्यान दिलाने वालों पर कार्रवाई करने में लगी हुई है।