दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने ED को निर्देश दिए हैं कि वह पाँच दिन के भीतर वाड्रा को उनके मामले से जुड़े सभी दस्तावेज़ों की हार्ड कॉपी सौंप दे।
यह निर्देश कोर्ट ने रॉबर्ट की याचिका पर ईडी को दिया है जिसमें वाड्रा ने ईडी से अपने ऊपर हो रही पूछताछ से जुड़ी 26 हज़ार पेज के दस्तावेजों की हॉर्ड कॉपी माँगी थी। इसके अलावा रॉबर्ट ने कोर्ट में एक और भी याचिका लगाई है जिसमें कहा था कि बिना दस्तावेजों को मुहैया कराए ईडी उनसे पूछताछ न करे।
दरअसल, रॉबर्ट के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट में कहा है कि दस्तावेजों को बिना पढ़े यह जानना बेहद मुश्किल हो रहा है कि ईडी ने वाड्रा पर किस तरह के आरोप लगाए है और साथ में ईडी के पास इस मामले से जुड़े कौन से सबूत मौजूद हैं।
वाड्रा के बचाव में तुलसी ने कहा कि बिना दस्तावेजों को मुहैया कराए ही ईडी वाड्रा से घंटों सवाल-जवाब कर रही है।
वाड्रा के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने ईडी से पूछा था कि क्या 2 दिन में कागजात की हार्ड कॉपी मुहैया कराई जा सकती है? इसके जवाब में एजेंसी ने कहा कि हमने सॉफ्ट कॉपी पहले ही दे दी है। लेकिन, इस पर वाड्रा के वकील ने कहा कि वह सॉफ्ट कॉपी नहीं खुल रही है। इसलिए जज ने ED को 5 दिन के भीतर वाड्रा को सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी देने के निर्देश दिए।
तुलसी की बहस के बाद ईडी के वकील डीपी सिंह ने कहा कि यह सभी चीजें मामले को लटकाने के लिहाज से की जा रही है। उन्होंने कहा कि वाड्रा के वकील ख़राब से ख़राब लैपटॉप भी यदि उनके सामने लेकर आएँगे तब भी वे दस्तावेजों की कॉपी कोर्ट के सामने दिखा देंगे।
ईडी के वकील ने 26 हजार पन्नों की हार्डकॉपी देने वाली बात पर कहा कि सोचिए इस पर कितना कागज़ बर्बाद होगा और ईको सिस्टम के लिए इसे किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बता दें कि लंदन से जुड़ी सम्पत्ति पर हो रही पूछताछ में रॉबर्ट की अंतरिम बेल की गुहार को 16 फरवरी से बढ़ाकर 2 मार्च तक के लिए कर दिया गया है।