मुंबई में रहने वाले एक वॉचमैन को जब पिता की बीमारी सूचना मिली तो वो सीधा जम्मू-कश्मीर के राजौरी स्थित अपने घर के लिए निकल गया। ये 4 दिन पहले की बात है। सबसे बड़ी बात कि मोहम्मद आरिफ ने साइकिल से ही राजौरी तक की यात्रा करने का निश्चय किया। 36 वर्षीय आरिफ मुंबई वेस्ट स्थित लिब्रा टावर में काम करता है।अब उन्हें गुजरात पुलिस से मदद मिली है। गुजरात पुलिस ने उनके दुःख को समझा और उन्हें कश्मीर भेजने के लिए एक ट्रक में बिठाया।
आरिफ ने बताया कि वो रात भर साइकिल चला कर गुजरात-राजस्थान सीमा तक पहुँचे थे। उन्हें लगातार कई अधिकारियों के फोन कॉल्स आ रहे थे, जिन्होंने उन्हें साइकिल से जम्मू-कश्मीर न जाने की सलाह दी क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रकोप से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लेकिन, आरिफ अपने घर जाने के लिए बेचैन थे और उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखी। अगली सुबह गुजरात पुलिस के कुछ जवान उन्हें मिले। उन्होंने उनके लिए न सिर्फ़ जम्मू-कश्मीर जाने का प्रबंध किया, बल्कि भोजन की भी व्यवस्था की।
उधर उनके घर पर भी सीआरपीएफ के जवानों ने जाकर उनके पिता के इलाज की व्यवस्था की। सीआरपीएफ ने ‘मददगार योजना’ के तहत आरिफ के पिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उन्हें हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था। उनकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। रविवार (अप्रैल 5, 2020) को कई मेडिकल जाँच व प्रक्रिया पूरी हुई है। सीआरपीएफ ने बताया कि अगर ज़रूरत पड़ी तो उन्हें कटरा स्थित नारायणा हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जा सकता है। आरिफ ने बताया कि उनके पास साइकिल भी नहीं थी। साथी गार्ड से उन्होंने 500 रुपए में साइकिल ख़रीदी और अपने घर के लिए निकल पड़े।
अगर सीआरपीएफ से उनके पिता को मदद नहीं मिलती तो शायद उन्हें 2100 किलोमीटर तक साइकिल चलाना पड़ता। वो रास्ते भर बिस्किट खाते और पानी पीते हुए आ रहे थे क्योंकि अधिकतर दुकानें बंद थीं। सीआरपीएफ ने उन्हें बता दिया था कि उनके पिता का ख्याल रखा जा रहा है और सारी जिम्मेदारी निभाई जा रही है। लेकिन आरिफ फिर भी वहाँ जाने को बेचैन थे। पंजाब-जम्मू सीमा पर स्थित लखनपुर तक तो आरिफ पहुँच सकते हैं लेकिन वहाँ से आगे जाने पर उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहने के बाद ही राजौरी जाने की अनुमति मिलेगी क्योंकि प्रशासन ने ऐसा अनिवार्य कर रखा है।
#NewsUpdate – 4 days of cycling later there is finally help for Mumbai watchman Arif. @crpf has taken his father to the hospital and also offered a vehicle to Arif. @arunima24 reports.#IndiaFightsCOVID19 pic.twitter.com/ZaKf7EmQ2e
— CNNNews18 (@CNNnews18) April 5, 2020
आरिफ को आशंका है कि हो सकता है कि उनके पिता की मृत्यु निकट हो और वो एक बार उनसे मिलना चाहते हों। हालाँकि, सीआरपीएफ ने वहाँ इलाज की पूरी व्यवस्था कर रखी है। आईआरपीएफ के डॉक्टर्स लगातार जिला अस्पताल से संपर्क में हैं और उनके स्वास्थ्य के अपडेट्स ले रहे हैं।