जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्र नेता सफूरा जरगर दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद हैं। मीडिया के एक गिरोह विशेष ने सफूरा जरगर की प्रेगनेंसी की बात करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। सफूरा जरगर के बारे में ट्विटर यूजर डॉक्टर जेली ने ट्वीट किया था कि उन्हें किसने कहा था कि वो कंडोम के बिना सेक्स करें? इसके बाद से जेली के इनबॉक्स में गालियों की बौछार हो गई है।
दरअसल, सलमान निजामी ने सफूरा जरगर को एक्टिविस्ट बताते हुए ट्वीट किया था कि वो प्रेगनेंसी के दौरान और रमजान के महीने में जेल में हैं जबकि कपिल मिश्रा जैसे ‘घृणा फैलाने वाले लोग’ खुले घूम रहे हैं। उन्होंने लिखा था कि भारत में मुस्लिम होना ही अपराध है, सरकार को कुछ तो शर्म करना चाहिए। सलमान निजामी सहित अन्य इस्लामी कट्टरपंथियों ने भी सफूरा जरगर को जेल से रिहा करने की माँग की थी। इस पर डॉक्टर जेली ने पूछा था कि उन्होंने बिना कंडोम का प्रयोग किए सेक्स किया ही क्यों?
बस इसके बाद खेल शुरू हुआ। उनके इनबॉक्स में इस्लामी कट्टरपंथी घुस आए। कादरी नायड नामक व्यक्ति ने अपशब्द कहे। मोहम्मद मुहीउद्दीन ने लिखा कि तुम डॉक्टर बनने लायक नहीं हो। अज़हरुद्दीन ने तो यहाँ तक लिख दिया कि काश आपके पैरेन्ट्स ने भी सेक्स करते वक़्त कंडोम का प्रयोग किया होता। सैयद अबरार ने तो माँ की गाली दी। इमरान मिर्जा ने तो पूछा कि क्या हम कंडोम के साथ सेक्स कर सकते हैं, मैं आपको इसके बदले रुपए दूँगा। सोहैब खान ने ‘कुतिया’ शब्द का प्रयोग किया।
Single source people pic.twitter.com/B4Z2HxZ9e2
— Dr.Jelly 🥀 (@jellyx20) May 3, 2020
डॉक्टर जेली ने ख़ुद सारे स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए जानकारी दी कि उन्हें गालियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को ‘सिंगल सोर्स पीपल’ नाम दिया है। सफूरा जरगर सीएए विरोधी प्रदर्शनों और लोगों को भड़काने में भी सक्रिय थीं। वो अप्रैल 10, 2020 से तिहार जेल में बंद हैं। पुलिस का कहना है कि वो दिल्ली में दंगे भड़काने वाले मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। सफूरा जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं।
सफूरा जरगर के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला चल रहा है। सफूरा जरगर ने जाफराबाद-सीलमपुर में 50 दिनों के हंगामा की साजिश रची थी और वहाँ महिलाओं-बच्चों को बिठाने के लिए पूरा जोर लगाया था। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस पार्टी के फिरोज ख़ान ने भी सफूरा जरगर को रिलीज करने की माँग की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर अपनी शक्ति का दुरूपयोग करने और लोगों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी उन्हें रिलीज करने की माँग की है।