भारत में दूसरे मजहब के साथ होने वाले कथित उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली संयुक्त अरब अमीरात की राजकुमारी हिंद अल कासिमी ने एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें कासिमी एक मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से पूजा अर्चना करती हुई दिखाई दे रही हैं। इसके बाद वीडियो को देख भड़के कट्टरपंथियों ने अल कासिमी को काफिर करार दे दिया है।
In India I explored the mountains of Pondicherry where the sun kissed my cheeks as I walked the fields, bought sari fabrics & bindis as I ate the naan bread with my chai.
— Princess Hend Al Qassimi (@LadyVelvet_HFQ) May 20, 2020
I paid a visit to the Golden Temple
Vellore & broke bread with HH Sri Sakthi Amma & ate off banana leaves. pic.twitter.com/5hZfEi8gSe
दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात की राजकुमारी हिंद अल कासिमी ने बुधवार(20 मई, 2020) को अपने ट्विटर एकाउंट से चेन्नै के गोल्डेन टेंपल के दर्शन-पूजन करने का एक पुराना वीडियो शेयर किया। इसके साथ ही कासिमी ने लिखा, “मैंने मुस्लिम होने के बाद भी पूजा की और मुझे मंदिर के अंदर अद्भुत ऊर्जा का अहसास हुआ। मैंने भारत में पुड्डुचेरी के पहाड़ों को देखा। मैं खेतों में गई। मैंने साड़ी और बिंदी खरीदा। मैंने गोल्डेन टेंपल की यात्रा की। केले के पत्ते पर खाना खाया।”
राजकुमारी कासिमी ने कहा कि पूरा मंदिर सोने से बना हुआ था। मैं मुस्लिम हूँ, लेकिन लोगों के साथ प्रार्थना को साझा करने के लिए गई थी। मंदिर में मैंने लक्ष्मी, शिव, हनुमान के दर्शन किए। उन पर जल अर्पित किया। उन्होंने कहा कि लोगों को अविश्वसनीय भारत को देखना चाहिए।
इसके बाद कट्टरपंथियों ने उन्हें ‘काफिर’ कहकर ट्रोल करना शुरू कर दिया। हालाँकि, राजकुमारी ने उन्हें करारा जवाब देकर उनकी बोलती बंद कर दी। जवाब देते हुए राजकुमारी ने कहा, “यह हराम तब होता जब मैंने अपने खुदा के अलावा किसी और ईश्वर की इबादत की होती। मैं अपने खुदा की इबादत करती हूँ और वे अपने। मैं मंदिर की वास्तुकला से बेहद प्रभावित हुई और सोने के मंदिर के ढाँचे ने मन मोह लिया। मैंने नए दोस्तों से मुलाकात की और उनके साथ खाना खाया। उनसे संस्कृति और धर्म पर बात की। इसमें गलत क्या है?”
आपको बता दें कि इससे पहले 16 अप्रैल, 2020 को यूनाइटेड अरब अमीरात की प्रिंसेस हेंड अल कासिमी ने एक व्यक्ति को इसीलिए देश से बाहर निकाल फेंकने की धमकी दी, क्योंकि उसने तबलीगी जमात के उन लोगों का बचाव न करने की सलाह दी थी, जिन्होंने दुनिया भर के कई देशों में कोरोना का संक्रमण फैलाया।
भारत में भी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ मस्जिद में हज़ारों जमाती जुटे थे, जो लॉकडाउन के बावजूद मजहबी कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे थे। इसके बाद वो कई राज्यों में फ़ैल गए, जिससे कोरोना का संक्रमण देश भर में तेज़ गति से फैला था।