कोलकाता में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। खबर है कि पुलिस ने इस्लामिक आतंकी और जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के टॉप कमांडर अब्दुल करीम उर्फ बोरो अब्दुल करीम को गिरफ्तार कर लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेशी आतंकी अब्दुल करीम JMB के टॉप लीडर सलाउद्दीन सालेहेन का बेहद करीबी था। उसे बंगाल के मुर्शिदाबाद के सूती पुलिस थाने इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
एसटीएफ टीम के सीनियर अधिकारी ने बताया, “अब्दुल करीम उर्फ बोरो करीम को STF ने स्थानीय पुलिस की सहायता से आज (29 मई) सुबह गिरफ्तार किया। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।”
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, करीम बोधगया विस्फोट में शामिल धुलियन मॉड्यूल का मेन लीडर था और सलाउद्दीन जैसे शीर्ष नेताओं को सक्रिय रूप से ठिकाने खोजने में मदद करता था। इतना ही नहीं आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) के लिए भर्ती अभियान का भी हिस्सा था।
बता दें, पिछले साल केंद्र सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में साल 2006 में हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को ही माना जाता है। इसमें 17 विदेशी नागरिकों समेत 22 लोगों की मौत हुई थी।
अब्दुल करीम की तलाश कोलकाता पुलिस, NIA व ख़ुफ़िया विभाग को लंबे समय से थी। मगर, वह काफी समय से अपना हुलिया बदल-बदलकर देश के विभिन्न हिस्सों में छिपता फिर रहा था। उसका मुख्य काम युवाओं को भ्रमित करके संगठन से जोड़ना था।
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार एसटीएफ के उपायुक्त आईपीएस अपराजिता रॉय ने बताया कि अब्दुल करीम जेएमबी का टॉप कमांडर रहा है। इसका नाम जेएमबी के तीन टॉप मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। 2018 में मुर्शिदाबाद में उसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया गया था, लेकिन उस समय वह पुलिस से बचकर भागने में सफल हो गया था।
इसके बाद से वह लगातार अपना हुलिया बदलकर देश के विभिन्न राज्यों में छिपता फिर रहा था। मगर, तब भी इसका मुख्य काम संगठन को मजबूत बनाने का ही था। इसके लिए यह युवाओं को भ्रमित करता था। उन्हें भर्ती कर ट्रेनिंग देता था।
फिलहाल, बोधगया और बर्दवान ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार मुख्य साजिशकर्ता कौसर के साथ उसके संबंधों की जाँच STF की टीम द्वारा की जा रही है। इसके अलावा ये भी पता लगाया जा रहा है कि बंगाल में उसने कहाँ-कहाँ अपने संगठन के लिए नए सदस्य जोड़े हैं एवं उसने क्या-क्या आतंकी साजिशें रची थीं।
यहाँ बता दें कि देश में हुए कई आतंकी हमलों में जेएमबी का नाम सामने आ चुका है। एनआईए ने इस संगठन के ख़िलाफ़ कई सबूत भी इकट्ठा कर रखे हैं। साल 2014 में बर्दवान में हुए बॉम्ब ब्लास्ट में जेएमबी के ही दो आतंकी मारे गए थे। सुरक्षा अधिकारियों का ये भी दावा है कि यही संगठन साल 2018 में गया में हुए बम ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।